कनाडा में भारतीय राजनयिकों की ऑडियो-वीडियो निगरानी, सरकार ने राज्यसभा में दी जानकारी
कनाडा और भारत के रिश्ते लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. वैंकुवर में भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों ने हाल ही में जानकारी देते हुए बताया कि कनाडा सरकार द्वारा उन्हें बताया गया था कि उनकी आडियो-वीडियो निगरानी की जा रही थी. उनकी निजी बातचीत को भी सुना जा रहा है. यह जानकारी गुरुवार को केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा में दी गई. भारत ने इस पर कड़ा विरोध जताया है, क्योंकि यह सभी कूटनीतिक प्रावधानों का उल्लंघन है.
विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में यह भी कहा, स्थिर द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक-दूसरे की चिंताओं, क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान आवश्यक है. भारत सरकार ने 2 नवंबर 2024 को इस मुद्दे पर नई दिल्ली में कनाडाई उच्चायोग के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया, क्योंकि ये कार्रवाई सभी राजनयिक प्रावधानों का घोर उल्लंघन थी.
क्या है भारत सरकार का स्टेंड?
विदेश राज्यमंत्री ने कहा कि टेक्नोलॉजी की बातों का हवाला देकर, कनाडाई सरकार इस तथ्य को जायज नहीं ठहरा सकती है, कि वह उत्पीड़न और धमकी में शामिल हैं. हमारे राजनयिक और कांसुलर कर्मी पहले से ही उग्रवाद और हिंसा के माहौल में काम कर रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा था, कि कनाडा सरकार की तरफ से यह कदम कूटनीतिक मानकों के खिलाफ है और इससे स्थिति और बिगड़ती है. कनाडाई सरकार की यह कार्रवाई स्थिति को खराब करती है, और स्थापित राजनयिक मानदंडों और प्रथाओं के साथ गलत है.
हिंसक घटनाओं को रोकने की मांग
कनाडा में भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा के सवाल पर राज्यमंत्री ने कहा, भारत सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए कनाडाई पक्ष के साथ लगातार जुड़ी हुई है, कि हमारे राजनयिक कर्मियों और संपत्तियों को हर समय पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जाए. भारत ने कनाडा से यह भी अनुरोध किया है कि वह भारतीय नेताओं और राजनयिकों के खिलाफ जारी धमकियों और हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए.
राजनयिकों की सुरक्षा में असमर्थता जताई
गृह राज्य मंत्री ने कनाडा के साथ रिश्तों पर जानकारी देते हुए बताया कि कनाडा में भारतीय राजनयिकों और वाणिज्यिक संपत्तियों की सुरक्षा के मामले में कनाडा सरकार ने हाल ही में अपनी असमर्थता जताई है. इसके अलावा, कनाडा ने भारतीय राजनयिकों को वाणिज्य दूतावास और पासपोर्ट सेवाओं की आपूर्ति रोक दी है, जिससे भारतीय नागरिकों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.
क्यों बढ़ रहा दोनों देशों के बीच विवाद
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि भारतीय एजेंटों का खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में संभावित हाथ है. भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था. इन आरोपों के लगाए जाने के बाद से ही दोनों देशों के बीच आपसी संबंधों में खटास दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है.