अंतरिक्ष में फंसी सुनीता विलियम्स के नाम हो सकता था ये रिकॉर्ड!

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर 3 महीने हो चुके हैं. जबकि दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को 8 दिन में ही लौटना था, लेकिन यह मुमकिन नहीं हो पाया.
जब नासा ने सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को फरवरी 2025 में धरती पर वापस लाने का ऐलान किया तो हर किसी के मन में तरह-तरह के सवाल उठने लगे, क्योंकि विलियम्स और विल्मोर को अंतरिक्ष में करीब 8 महीने बिताने पड़ेंगे.
एस्ट्रोनॉट फ्रैंक के नाम है ये रिकॉर्ड
लेकिन स्पेस स्टेशन में एक सिंगल फ्लाइट मिशन पर इतना लंबा समय बिताने वाले यह दोनों अकेले नहीं हैं, बल्कि यह रिकॉर्ड नासा के एस्ट्रोनॉट फ्रैंक रूबियो के नाम हैं. फ्रैंक ने सिंगल स्पेसफ्लाइट में अंतरिक्ष में एक साल से भी ज्यादा का समय बिताया है. उनके नाम अंतरिक्ष में लगातार 371 दिन बिताने का रिकॉर्ड दर्ज है. फ्रैंक रूबियो 27 सितंबर 2023 को स्पेस स्टेशन पर 371 दिन बिताकर लौटे थे. उन्होंने नासा के एस्ट्रोनॉट मार्क वान्डे का रिकॉर्ड तोड़ा जो कि अंतरिक्ष में लगातार 355 दिन बिता चुके हैं.
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सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर 8 महीने बिताकर अगले साल फरवरी तक लौटेंगे. बावजूद इसके सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा दिनों तक रहने का रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाएंगी. दोनों अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में लगातार करीब 240 दिन बिताकर लौटेंगे, ऐसे में सबसे लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने वाले एस्ट्रोनॉट्स की लिस्ट में वह सातवें पायदान पर हो सकते हैं.
इस लिस्ट में जगह बना सकती हैं सुनीता विलियम्स
वहीं अंतरिक्ष में अलग-अलग मिशन के दिनों को अगर जोड़ा जाए तब भी सबसे ज्यादा दिनों तक ISS पर बिताने का रिकॉर्ड पेगी व्हिट्सन के नाम हैं, उन्होंने कई मिशनों में स्पेस स्टेशन पर कुल 675 दिन बिताए हैं. इसके बाद दूसरे नंबर पर जेफ विलियम्स का नाम आता है जो अलग-अलग मिशन पर स्पेस स्टेशन पर 534 दिन बिता चुके हैं.
हालांकि सुनीता विलियम्स भी अंतरिक्ष में पहले के मिशनों में 322 दिन बिता चुकी हैं और अब एक्पेडिशन-71/72 मिशन पूरा कर जब वह लौटेंगी तो वह अंतरिक्ष में करीब 560 दिनों से ज्यादा बिता चुकी होंगी. ऐसे में वह अलग-अलग मिशन के तहत अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा समय बिताने वाले अंतरिक्ष यात्रियों की लिस्ट में दूसरे स्थान पर आ सकती हैं.
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8 दिन का मिशन 8 महीने में क्यों बदला?
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 5 जून को बोइंग के स्टारलाइनर विमान से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन गए थे. दोनों को 8 दिन बाद 13 जून को वापस लौटना था, लेकिन स्पेसक्राफ्ट में आई तकनीकी खामी की वजह से वापसी का मिशन बार-बार टालना पड़ा. नासा और बोइंग के अधिकारियों ने स्टारलाइनर को लेकर कई फ्लाइट टेस्ट किए लेकिन डाटा का अध्ययन करने के बाद नासा ने स्टारलाइनर के जरिए दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाना जोखिम भरा माना.
नासा ने तय किया कि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को वह क्रू9 मिशन में शामिल कर फरवरी 2025 तक वापस लाएगा. क्रू9 मिशन को एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स का बनाया ड्रैगन कैप्सूल से ISS पर भेजा जाएगा. ड्रैगन कैप्सूल के जरिए ही सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को वापस लाया जाएगा.

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