अक्षरधाम मंदिर में धूमधाम से मनाया गया जलझुलनी एकादशी का उत्सव, भगवान गणेश की प्रतिमा का विसर्जन भी हुआ

महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली समेत पूरे देश में इस समय गणेश उत्सव की धूम मची है. दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर में शनिवार को जलझुलनी और गणपति विसर्जन का उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है. हर तरफ गणपति बप्पा मोरया का जय घोष सुनाई दे रहा है.
दिल्ली के विश्वप्रसिद्ध अक्षरधाम मंदिर में शनिवार को जलझुलनी एकादशी का उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया, इसके साथ ही गणेश चतुर्थी के दिन स्थापित भगवान गणेश की प्रतिमा का विसर्जन भी पूरे भक्तिभाव और उल्लास के साथ किया गया.
मंदिर में लगी भक्तों की भीड़
इस अवसर पर अक्षरधाम मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी, कई संतों-महंतों के साथ बड़ी संख्या में भक्त समुदाय इस मौके पर मौजूद रहे और इस भक्ति में डूबे लम्हों का हिस्सा बने. जलझुलनी उत्सव उत्तर भारत में मनाया जाने वाला एक उत्सव है, जिसे जलझुलनी एकादशी भी कहा जाता है, अक्षरधाम मंदिर में हर साल इस उत्सव को परंपरागत रूप से हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है.
गणेश चतुर्थी का जश्न
विसर्जन के लिए विशाल सरोवर बनाया गया
अक्षरधाम मंदिर में जलझुलनी और गणपति विसर्जन के मौके पर सद्गुरु विवेकसागर स्वामी जी भी उपस्थित रहे, उनकी मौजूदगी ने इस उत्सव को और भी खास बना दिया. अक्षरधाम के सभागार में गणपति विसर्जन के लिए एक विशाल सरोवर बनाया गया था, जिसमें गणपति बप्पा की मूर्तियों का पूरी श्रद्धा के साथ विसर्जन किया गया. बप्पा बच्चों के बेस्ट फ्रेंड होते हैं, इसीलिए इस मौके पर कई बच्चे भी दिखाई दिए, जिन्होंने अपने-अपने बप्पा को विसर्जित किया.
गणेश चतुर्थी का जश्न
शोभायात्रा निकाली गई
पांच आरती और विविध भोगों को भगवान को अर्पण किया गया. गणपति विसर्जन और जलझुलनी का उत्सव आक्षरधाम मंदिर में सुबह 8 बजे आरंभ हुआ. भगवान को पालखी में विराजमान कर के मंदिर में ही शोभायात्रा निकाली गई, जिसके बाद विसर्जन किया गया. भगवान की लीला को समझाने के लिए स्वामी विवेकसागर ने एक प्रवचन दिया और उत्सव के मर्म को समझाया. साथ ही गायक ने कीर्तन-भजन कर

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