अखिलेश यादव ने नीतीश कुमार को लेकर ऐसा क्या कहा, जो भड़क गए ललन सिंह, जानिए
लोकसभा चुनाव से पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इंडिया गठबंधन के गठन में अहम भूमिका निभाई थी. इंडिया गठबंधन में कांग्रेस के साथ-साथ समाजवादी पार्टी जैसी पार्टियां थीं, लेकिन चुनाव से ठीक पहले नीतीश कुमार ने इंडिया गठबंधन से नाता तोड़कर एनडीए का दामन थाम लिया है, हालांकि उनको लेकर लगातार अटकलों का बाजार गर्म रहता है. उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने जयप्रकाश नारायण के श्रद्धांजलि कार्यक्रम के अवसर पर नीतीश कुमार को एनडीए से नाता तोड़ने की अपील दे डाली थी.
केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन ने शनिवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधा और उन्हें जमकर फटकार लगाई. वह नीतीश कुमार को भाजपा नीत एनडीए से अलग होने के बयान पर टिप्पणी कर रहे थे.
पूर्व जेडी (यू) अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री ने अखिलेश यादव को कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के लिए पर उन पर निशाना साधा. उन्होंने अखिलेश यादव को याद दिलाया कि उनके दिवंगत पिता मुलायम सिंह यादव ने कांग्रेस का विरोध करके ही अपनी पहचान बनाई थी.
ललन उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव द्वारा शुक्रवार को दिए गए बयान के बारे में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन पर जमकर निशाना साधा. बता दें कि अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार पर महान समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण को श्रद्धांजलि देने से रोकने का आरोप लगाया था.
ललन सिंह ने अखिलेश यादव के लिए कही ये बात
ललन सिंह ने अखिलेश यादव के बयान पर हमला बोलते हुए कहा कि कौन अखिलेश? बता दें कि ललन सिंह ने आपातकाल से पहले साल 1974 के जयप्रकाश आंदोलन के दौरान अपनी राजनीतिक शुरुआत की थी.
केंद्रीय पंचायत राज मंत्री ने कहा कि अखिलेश यादव उन लोगों की गोद में बैठे हैं, जिनके खिलाफ उनके पिता ने साल 1974 में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू करते हुए लड़ाई लड़ी थी.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन हुआ है. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन ने चुनाव में भाजपा के खिलाफ अच्छी सफलता हासिल की थी. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को आशा से अधिक सीटें मिली थी. उस कारण भाजपा को धक्का लगा था.
नीतीश ने इंडिया ब्लॉक से नाता तोड़कर थामा एनडीए का दामन
बता दें कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में जेडी (यू) ने इंडिया ब्लॉक के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी इस गठबंधन का हिस्सा था. ललन सिंह नीतीश कुमार के साथ विपक्षी गठबंधन की बैठकों में शामिल होते थे, जब तक कि नीतीश कुमार ने इस साल जनवरी में एनडीए में वापस जाने का फैसला नहीं किया.
वर्तमान में जेडी(यू) भाजपा की दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी है, जो आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता वाली टीडीपी के बाद दूसरे स्थान पर है.