अखिलेश यादव ने 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों को लिखा खुला पत्र, कहा- जिनकी आंख का मर गया पानी…

69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों को अखिलेश यादव ने बुधवार को खुला पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने दावा किया है कि सरकार न्याय नहीं देगी. बरसते पानी में आप उनके सामने अपना स्वास्थ्य खराब न करें, जिनकी आंख का पानी मर चुका है. अखिलेश यादव ने लिखा है कि सच तो यह है कि भाजपा न पहले नौकरी देने के पक्ष में थी और न ही अब है.
उत्तर प्रदेश 69 हजार शिक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर अभ्यर्थी लखनऊ में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. इन अभ्यर्थियों में भारी आक्रोश है. इनकी मांग है कि सरकार को हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 और आरक्षण नियमावली 1994 के हिसाब से नई सूची जारी करनी चाहिए. अब अखिलेश यदव ने इन्हें सोशल मीडिया पर इन्हें खुला पत्र लिखा है.
अखिलेश यादव ने क्या लिखा?
अखिलेश यादव ने लिखा है, ‘प्रिय शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों, 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में बरसते पानी के बीच उनके लिए स्वास्थ्य खराब न करें, जिनकी आंख का पानी मर चुका है. भाजपा न तो पहले नौकरी देने के पक्ष में थी और न अब है’. अखिलेश यादव ने आगे लिखा है कि नई सूची निकालने में देरी प्रभावित होने वाले दोनों पक्षों के साथ एक छल है. चयनित होने वाले अभ्यर्थियों के साथ ही, जो निकाले जाएंगे उन सबका मानसिक उत्पीड़न निरंतर बढ़ रहा है.
सरकार किसी के साथ न्याय नहीं करने वाली
अखिलेश यादव ने आगे लिखा है कि दोनों पक्ष ये मानकर चलें कि सरकार किसी के साथ न्याय नहीं करने वाली, कुरेद-कुरेद दूसरों की कमियां ढूंढकर बुलडोजर चलवाने वाले भाजपाई अपनी सरकार की धांधली के लिए किसका घर गिरवाएंगे? आप देखियेगा ये नियुक्तियाँ या तो सरकार की तरफ़ से हीलाहवाली से लड़े जानेवाले मुक़दमों शिकार हो जाएँगी या फिर लालफ़ीताशाही का. जिनका जीवन दान-चंदे व भ्रष्टाचार के बल पर चलता हो, वो क्या जानें कि एक घर-परिवार के लिए हर महीने मिलनेवाले ईमानदारी से कमाए वेतन का क्या महत्व है.

प्रिय शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों
69000 शिक्षक भर्ती मामले में आप बरसते पानी में उनके सामने अपना स्वास्थ्य ख़राब न करें, जिनकी आँख का पानी मर चुका है।
सच तो ये है कि भाजपा न पहले नौकरी देने के पक्ष में थी, न अब है। नयी सूची निकालने में देरी, दरअसल प्रभावित होने वाले दोनों pic.twitter.com/NmpY0Xx0yr
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 4, 2024

परिवार को साथ लेकर संघर्ष करें
अखिलेश यादव ने शिक्षक अभ्यर्थियों से निवेदन किया है कि अपने घर, परिवार, माता-पिता, बच्चों व जनता को अपने साथ लेकर ये संघर्ष करें, जिससे शायद इन हृदयहीन-असंवेदनशील भाजपाइयों में ये डर पैदा हो कि वो जहाँ जाएंगे, वहाँ उन्हें विरोध झेलना पड़ेगा, तो हो सकता है, वो कूटनीति छोड़कर सच में दोनों पक्षों को नौकरी दे पायें. यही सच्चा और सही इंसाफ़ होगा. अंत में अखिलेश यादव ने दो पंक्तियां भी लिखी हैं- ‘ऐसे लोगों से उम्मीद रखना बेमानी है, जिनकी आंख का मर गया पानी है..’

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