अगर आप पूरी करते हैं 25 साल की नौकरी, तो NPS और UPS में से कौन है बेहतर?
मोदी सरकार ने जब से यूनिफाइड पेंशन स्कीम यानी यूपीएस का ऐलान किया है. कुछ लोग उसे नेशनल पेंशन स्कीम यानी एनपीएस से बेहतर बताने लगे हैं, क्योंकि इस नई स्कीम में पेंशन की गारंटी मिल रही है. एनपीएस में ऐसा प्रावधान नहीं था. आज की स्टोरी में हम आपको यह समझाने वाले हैं कि अगर कोई व्यक्ति 25 साल तक सरकारी नौकरी करता है तो उसके लिए एनपीएस बेहतर होगा या यूपीएस.
एक बात और ध्यान रहे कि सरकार ने कर्मचारियों को दोनों पेंशन स्कीम में से किसी एक को चुनने का विकल्प दिया है. मतलब यह हुआ कि आपके ऊपर यूपीएस में स्विच करने या एनपीएस में बने रहने का कोई दबाव नहीं होगा. आप अपनी मर्जी से इसमें बदलाव करेंगे. तो चलिए इस कैलकुलेशन को 80 हजार रुपए की मंथली औसत बेसिक सैलरी के आधार पर समझते हैं.
एनपीएस का ये है कैलकुलेशन
एनपीएस में कर्मचारी अपनी सैलरी का 10% योगदान करता है, जबकि सरकार 14% योगदान देती है. इस प्रकार कुल मिलाकर सैलरी का 24% एनपीएस में हर महीने जमा होता है.
80,000 रुपए की औसत सैलरी के आधार पर कर्मचारी का मंथली योगदान 8,000 रुपए और सरकार का 11,200 रुपए होगा. इस तरह कुल मिलाकर हर महीने 19,200 रुपए एनपीएस में जमा होंगे.
अगर हम मानते हैं कि एनपीएस पर 9% का रिटर्न मिलता है, तो 25 साल में आपका कुल निवेश 57.60 लाख रुपए होगा. इस पर मिलने वाले ब्याज को जोड़ देते हैं तो आपका यह कुल फंड 2.16 करोड़ (2,16,86,983) रुपए हो जाएगा.
यूपीएस का ऐसा होगा कैलकुलेशन
यूपीएस में कर्मचारी का अंशदान एनपीएस की तरह 10% ही रहेगा, लेकिन सरकार का अंशदान 14% से बढ़कर 18.5% हो जाएगा. इस हिसाब से सैलरी का 28.5% हर महीने यूपीएस में अंशदान किया जाएगा.
80,000 रुपए की औसत सैलरी के हिसाब से हर महीने 22,800 रुपए यूपीएस में जमा होंगे.
मतलब ये हुआ कि अगले 25 साल में आपका कुल निवेश 68.40 लाख रुपए हो जाएगा. अगर हम यह मान लेते हैं कि एनपीएस की तरह ही यूपीएस पर भी 9% का रिटर्न मिलता है, तो आपका कुल फंड 2.57 करोड़ (2,57,53,292) रुपए होगा.
अब समझते हैं पेंशन की गणित
एनपीएस में रिटायरमेंट के समय आपको कुल राशि का 60% यानी 1.30 करोड़ (1,30,12,190) रुपए एकमुश्त वापस मिलेंगे. शेष राशि से एन्युटी खरीदी जाएगी, जिस पर 6% सालाना ब्याज के हिसाब से हर महीने 43,374 रुपए की पेंशन मिलेगी.
यूपीएस के केस में पूरा फंड सरकार के पास रहेगा. इसके बदले कर्मचारी को हर 6 महीने की सर्विस पूरी होने पर सैलरी का 10% एकमुश्त दिया जाएगा. 25 साल की नौकरी में 50 छमाही होंगी. औसत सैलरी 80,000 रुपए के हिसाब से देखें तो हर छमाही के लिए 48,000 रुपए मिलेंगे. इस तरह, 25 साल बाद कुल 24 लाख रुपए एकमुश्त मिलेंगे. इसके अलावा पेंशन आखिरी 12 महीने के औसत बेसिक सैलरी की 50% होगी. अगर हम अभी की सैलरी से दोगुना भी मान लेते हैं. ध्यान रहे ये दोगुना हुआ तो आपका अंशदान भी उसी हिसाब से बढ़ेगा. तो अगर तब आपकी 12 महीने की औसत बेसिक सैलरी 1 लाख भी हो जाती है तो उस हिसाब से 50 हजार रुपए का पेंशन मिलेगा.
ये कैलकुलेशन सोचने पर कर देगा मजबूर
अब आप इसे थोड़ा और ध्यान से समझिए, यदि हम एनपीएस में एकमुश्त मिली 1.30 करोड़ रुपए की राशि को एफडी में निवेश करते हैं, जिस पर 6% का ब्याज मिल रहा है, तो हर महीने 65,000 रुपए की इनकम होगी. इसमें एन्युटी से मिलने वाली 43,374 रुपए की राशि को जोड़ दें, तो कुल मिलाकर हर महीने की पेंशन 1.08 लाख रुपए हो जाएगी.
अगर हम यूपीएस से मिली 24 लाख रुपए की राशि को भी एफडी में डाल दें, तो 6% ब्याज के हिसाब से हर महीने 12,000 रुपए मिलेंगे. इसे पेंशन में जोड़ने पर कुल 62,000 रुपए प्रति महीने की आय होगी, जबकि एनपीएस के मुकाबले यह राशि 46,000 रुपए कम है. साथ ही एनपीएस में हमारे पास करोड़ों रुपए का फंड भी बना रहेगा, जबकि यूपीएस में यह फंड हमारे पास नहीं रहेगा. इसे सरकार रख लेगी.