अगर पत्नी को देते हैं घर का किराया, तो HRA पर मिल जाएगी इतनी टैक्स छूट, जानिए नियम
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नई टैक्स रिजीम में आप एचआरए पर टैक्स छूट के लिए दावा नहीं कर सकते. इसलिए अगर आपको रेंट पर टैक्स छूट चाहिए तो पुरानी टैक्स रिजीम को ही फॉलो करना होगा. आइए आपको एचआरए पर टैक्स छूट से संबंधित 6 प्रमुख प्रावधानों के बारे में बताते हैं.
पति/पत्नी को दिया गया किराया एचआरए (मकान किराया भत्ता) के तहत छूट के रूप में दावा किया जा सकता है.
यह कई अदालती फैसलों में तय किया गया है. जिसमें हाल ही में जून 2023 में आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी) द्वारा अमन कुमार जैन का मामला भी शामिल है.
मामले में ट्रिब्यूनल ने आदेश दिया था कि आदमी द्वारा अपनी पत्नी को भुगतान किया गया किराया एचआरए के रूप में अनुमति दी जाएगी और इसमें छूट दी जाएगी. फैसले में कहा गया था, ”यह तर्क कि पति पत्नी को किराया नहीं दे सकता, इस तरह के किसी भी विवाद का समर्थन करने वाले किसी भी कानूनी निहितार्थ से रहित है.”
ऐसा सुझाव दिया जाता है कि पति और पत्नी एक रेंट एग्रीमेंट बनाएं और पत्नी या पति किसी अन्य मकान मालिक-किरायेदार एग्रीमेंट की तरह ही किराए की रसीदें जारी करे.
यह भी उतना ही जरूरी है कि पत्नी अपनी आय में किराया घोषित करे. भले ही उसकी आय कर योग्य सीमा से कम हो, फिर भी उसे कर दाखिल करना चाहिए.
पत्नी को पूरे घर का मालिक होना चाहिए और पति को हिस्से का मालिक नहीं होना चाहिए.
कर छूट का दावा करने के लिए, करदाता को एचआरए का दावा करने के लिए अपने नियोक्ता को फॉर्म 12बीबी के साथ किराया समझौता, किराए की रसीदें जमा करनी होंगी.
किराए की रसीद पर किरायेदार, मकान मालिक का नाम, भुगतान किया गया किराया, मकान मालिक के हस्ताक्षर और पैन अंकित होना चाहिए.