अगले 4 दिन तक अभी और बाजार में रह सकती है गिरावट, ये हैं 5 बड़े कारण

बीते 5 कारोबारी दिनों में सेंसेक्स में 4100 अंकों से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल चुकी है. निफ्टी 1200 से ज्यादा अंकों तक डूब चुका है. निवेशकों को इस दौरान 16 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल चुकी है. जून 2022 के बाद शेयर बाजार में ये सबसे बड़ी वीकली गिरारवट है. वास्तव में ईरान इजराइल वॉर, चीन की ओर इकोनॉमी को बूस्ट करने के उपायों की वजह से शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है. अभी ये सिलसिला थमा नहीं है. अगले हफ्ते शेयर बाजार में और गिरावट देखने को मिल सकती है. जानकारों के अनुसार इजराइल—ईरान वॉर, चीन, विदेशी निवेशकों की बिकवाली के अलावा कुछ नए फैक्टर भी एड हो रहे हैं, जोकि शेयर बाजार में दबाव ला सकते हैं. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर अगले हफ्ते शेयर बाजार को कौन—कौन से फैक्टर नुकसान पहुंचा सकते हैं…
इन वजहों से शेयर बाजार में आ सकती है गिरावट

ईरान-इजराइल टेंशन : ईरान और इजराइल के बीच संघर्ष कम होने का नाम नहीं ले रहा है. जहां एक इजराइल अमेरिका और नाटो देशों की मदद ईरान की ऑयल फैसिलिटीज को निशाना बना सकता है. वहीं दूसरी ओर ईरान के राष्ट्रपति ने दुनिया के सभी मुस्लिम देशों को एकजुट होने की बात कही है. साथ ही इजराइल पर हमला करने की बात कही है.द अगर ऐसा होता है तो दुनिया तीसरे विश्व युद्ध की ओर भी जा सकती है. जिसका असर दुनियाभर के शेयर बाजारों पर दिखाई देगा. जिसका असर भारत के शेयर बाजार पर दिखाई देगा.
चीन : चीन के शेयर बाजारों में लगातार तेजी देखने को मिल रही है. चीन की सरकार ने इकोनॉमी को बूस्ट करने शेयर बाजार को फिर से तेज करने के लिए कई प्रोत्साहन घोषणाए की है. जिसके तहत सरकार ने प्रॉपर्टी मार्केट को बूस्ट करने के लिए बैंकों को 140 बिलियन डॉलर का इंसेंटिव दिया है. साथ ही होम लोन की दरों में कटौती की है. जिसकी वजह से शेयर बाजार में तेजी देखने को मिल रही है. जानकारों क अनुमान है कि सोमवार को चीन के शेयर बाजारों में तेजी देखने को मिलेगी. खास बात तो ये है कि सीएसआई 300 इंडेक्स 10 दिनों में 25 फीसदी तक बढ़ गया है. जिसका प्रमुख कारण विदेशी निवेशकों का चीन की ओर रुख करना है.
विदेशी निवेशकों की भारत में बिकावाली : वहीं दूसरी ओर विदेशी निवेशकों ने भारत के शेयर बाजार से बिकवाली शुरू कर दी है. खास बात तो ये है कि शुक्रवार को विदेशी निवेशकों ने करीब 9900 करोड़ रुपए निकाल लिए. खास बात तो ये है कि बीते एक हफ्ते में विदेशी निवेशक 37 हजार करोड़ रुपए से से ज्यादा निकाल चुके हैं. अगले हफ्ते भी विदेशी निवेशक शेयर बाजार से पैसा निकालकर चीन की ओर रुख सकते हैं. जिसका असर शेयर बाजार में दिखाई दे सकता है.
RBI एमपीसी की बैठक : सोमवार से आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक शुरू होने जा रही है. 9 अक्टूबर को आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग में एक बार फिर से ब्याज दरों को फ्रीज रखा जा सकता है. अगर ऐसा होता है तो यह लगातार 10वां मौका होगा जब आरबीआई की ओर से मॉनेटरी पॉलिसी को फ्रीज रखा जाएगा. अनुमान ये लगाया जा रहा है कि मौजूदा वित्त वर्ष में आरबीआई के पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं करेगा.
हरियाणा चुनाव के नतीजे : अगले हफ्ते लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार विधानसभा चुनावों के नतीजे आएंगे. ये नतीजे शेयर बाजार को काफी प्रभावित कर सकते हैं. खासकर हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे बीजेपी के पक्ष में नहीं जाते हैं ​तो शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है. बीते 10 साल से हरियाणा में बीजेपी की सरकार है. जिसके इन चुनावों के बाद पलटने की आशंका जताई जा रही है. वहीं दूसरी ओर जम्मू कश्मीर के चुनाव भी सालों बाद हो रहे हैं. यहां भी बीजेपी को बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है.

शेयर बाजार में गिरावट
शुक्रवार को शेयर बाजार में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला और सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही एक फीसदी की गिरावट के साथ बंद हो गए. जिसकी वजह से दोनों ही इंडेक्स की ​वीकली गिरावट 4.5 फीसदी हो गई, जो जून 2022 के बाद से सबसे अधिक है. शुक्रवार की शेयर बाजार में लगातार पांचवें दिन गिरावट देखने को मिली. सेंसेक्स में इस दौरान 4,147.67 अंकों की गिरावट देखी गई. वहीं दूसरी ओर निफ्टी 1,201.45 अंकों तक टूट चुका है. जिसकी वजह से निवेशकों को 16.68 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. शुक्रवार को एनएसई निफ्टी 235.5 अंक या 0.9 फीसदी गिरकर 25,014.6 पर बंद हुआ. बीएसई सेंसेक्स 808.65 अंक या 1 फीसदी की गिरावट के साथ 81,688.45 पर बंद हुआ.

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