अजय देवगन की पिक्चर को दो नेशनल अवॉर्ड मिले, प्रोडक्शन कंपनी की इकॉनमी हिल गई!

अजय देवगन की ‘द लीजेंड ऑफ भगत सिंह’ साल 2002 में रिलीज हुई थी. ये फिल्म भगत सिंह के जीवन पर बेस्ड थी. इस मूवी को दो नेशनल अवॉर्ड भी मिले थे. अजय ने पहला अवॉर्ड बेस्ट मेल एक्टर का जीता था. दूसरा अवॉर्ड बेस्ट फिल्म का था. ‘द लीजेंड ऑफ भगत सिंह’ के प्रोड्यूसर रमेश तौरानी ने एक इंटरव्यू में इस फिल्म के बारे में बात की है. सालों बाद उन्होंने खुलासा किया है कि इस मूवी में उन्हें घाटा हुआ था. इस फिल्म के कारण उन्हें 1-2 करोड़ नहीं बल्कि 25 करोड़ का घाटा हुआ था. रमेश ने इसकी वजह पर भी बात की है.
‘द लीजेंड ऑफ भगत सिंह’ बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं कर पाई थी. इस बारे में बात करते हुए रमेश तौरानी ने कहा, “ये फिल्म अच्छा परफॉर्म नहीं कर पाई क्योंकि उस समय भगत सिंह पर 5 फिल्में बन रही थीं. इनमें से एक फिल्म सोनू सूद की थी. ये एक हफ्ते पहले रिलीज हुई थी और हमारी फिल्म सनी और बॉबी की ’23 मार्च 1931: शहीद’ से क्लैश हुई थी.”
पूरी कंपनी की इकॉनमी हिल जाती है…
रमेश ने न्यूज़ 18 को बताया कि उस दौरान एक और फिल्म थी, जिसे रामानंद सागर ने बनाया था. ये पिक्चर सीधे दूरदर्शन पर रिलीज हुई थी. इंटरव्यू में उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें दुख हुआ जब उनकी फिल्म को अच्छा रिस्पॉन्स नहीं मिला? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि ये बहुत दुखद बात थी. उन्होंने कहा, “पूरी कंपनी की इकॉनमी हिल जाती है.” उन्होंने बताया कि भले ही फिल्म आर्थिक पैमाने पर घाटे में रही, लेकिन फिल्म ने नेशनल अवॉर्ड सहित कई अवॉर्ड जीते थे.
रिस्क के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “हमें पता था कि इस पर कई फिल्में बन रही हैं. इसके बाद भी हमने अपनी स्क्रिप्ट की वजह से इसे बनाने का फैसला किया.” रमेश ने कहा कि भले ही फिल्म घाटे में चली गई, लेकिन उन्होंने सबके पैसे चुका दिए थे. उनके अनुसार, सभी ने अपना काम किया था. रिस्क लेने का फैसला उनका था.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *