अडानी के ‘अमेरिकी दोस्त’ ने की पतंजलि में ‘शॉपिंग’, खर्च कर डाले 835 करोड़
गौतम अडानी अमेरिकी दोस्त राजीव जैन की इंवेस्टमेंट कंपनी जीक्यूजी पार्टनर्स की नजरें पतंजलि फूड्स पर आकर टिक गई है. शुक्रवार को जीक्यूजी पार्टनर्स खुले से लगभग 835 करोड़ रुपए में प्रमोटर ग्रुप यूनिट पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड से 1.24 फीसदी शेयर और खरीदकर पतंजलि फूड्स में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है.
एनएसई पर उपलब्ध बल्क डील के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिकी असेट मैनेज्मेंट फर्म जीक्यूजी पार्टनर्स ने पतंजलि फूड्स में 45.03 लाख शेयर या 1.24 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है. जीक्यूजी पार्टनर्स ने औसतन 1,854 रुपए प्रति शेयर की कीमत के हिसाब से हिस्सेदारी हासिल की है. इस पूरी डील की वैल्यू 834.99 करोड़ रुपए है. इस फ्रेश ट्रांजेक्शन के बाद पतंजलि फूड्स में GQG पार्टनर्स की हिस्सेदारी 3.19 फीसदी से बढ़कर 4.43 फीसदी हो गई है.
प्रमोटर्स के कितनी रह गई हिस्सेदारी
इस बीच, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के आंकड़ों के अनुसार, पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने शुक्रवार को कंपनी में 97.92 लाख शेयर या 2.71 फीसदी हिस्सेदारी 1,815 करोड़ रुपये में बेची. शेयरों को औसतन 1,854.08 रुपए प्रति पीस की कीमत पर बेचा गया. जिनकी कुल वैल्यू 1,815.67 करोड़ रुपए है. इस शेयर बिक्री के बाद पतंजलि फूड्स के प्रमोटर्स और प्रमोटर ग्रुप यूनिट्स की हिस्सेदारी 72.81 फीसदी से घटकर 70.1 फीसदी पर आ गई है. जीक्यूजी पार्टनर्स के अलावा, पतंजलि फूड्स के शेयरों के अन्य खरीदारों के विवरण का पता नहीं लग सका है. एनएसई पर पतंजलि फूड्स के शेयर 3.75 फीसदी गिरकर 1,858.90 रुपए पर बंद हुए.
क्या काम करती है पतंजलि फूड्स लिमिटेड?
1986 में निगमित, पतंजलि फूड्स लिमिटेड, पूर्ववर्ती रुचि सोया इंडस्ट्रीज, भारत में अग्रणी एफएमसीजी खिलाड़ियों में से एक है. कंपनी फूड ऑयल, फूड एवं एफएमसीजी और विंड एनर्जी प्रोडक्शन सेगमेंट में मौजूद है. यह अपने प्रोडक्ट्स का मार्केटिंग पतंजलि, रुचि गोल्ड, महाकोश, न्यूट्रेला आदि ब्रांडों के माध्यम से करता है. पतंजलि आयुर्वेद ने दिवाला प्रोसेस से रुचि सोया का अधिग्रहण किया और बाद में इसका नाम बदलकर पतंजलि फूड्स लिमिटेड कर दिया गया. अडानी ग्रुप प्रमुख निवेशक जीक्यूजी पार्टनर्स ने पिछले महीने 433 करोड़ रुपए से अधिक के अतिरिक्त शेयर खरीदकर जीएमआर एयरपोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 5.17 फीसदी की थी.