अडानी ग्रुप का हिंडनबर्ग को करारा जवाब, स्विस बैंक में नहीं जमा है एक भी पैसा

हिंडनबर्ग की ताजा रिपोर्ट में दावा किया है कि स्विस बैंक ने अडानी ग्रुप की मनी लॉन्डिंग और फ्रॉड की जांच के तहत 31 करोड़ डॉलर ये ज्यादा यानी 2600 करोड़ रुपए फ्रीज कर दिया है. अब अडानी ग्रुप का बयान आया है. उसने इस आरोप को खारिज कर दिया है और बेसलेस बताया है. भारत के अडानी समूह ने गुरुवार को देर रात कहा कि स्विस अदालत की किसी भी कार्यवाही में उसका कोई हाथ नहीं है, क्योंकि हिंडनबर्ग रिसर्च ने संकेत दिया था कि अधिकारियों ने मनी लॉन्ड्रिंग और प्रतिभूति जालसाजी जांच के तहत कंपनी के 310 मिलियन डॉलर यानी 2600 करोड़ रुपए से अधिक के फंड को फ्रीज कर दिया है.
ग्रुप ने किया खारिज
यूएस-आधारित शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग ने अपने पोस्ट में कहा कि स्विस आपराधिक अदालत के रिकॉर्ड विस्तार से दिखाते हैं कि कैसे अडानी के एक फ्रंटमैन ने अपारदर्शी बीवीआई/मॉरीशस और बरमूडा फंड में निवेश किया, जो लगभग विशेष रूप से अडानी स्टॉक के मालिक थे. इस पोस्ट में एक स्विस मीडिया आउटलेट का हवाला दिया गया था. अडानी ग्रुप ने आरोप को खारिज करते हुए कहा कि समूह का स्विस अदालत की किसी भी कार्यवाही में कोई हाथ नहीं है. उन्होंने कहा कि किसी भी प्राधिकरण द्वारा इसकी कंपनी के किसी भी खाते को जब्त नहीं किया गया है.
हिंडनबर्ग कंपनी करती है शॉर्ट सेलिंग
हिंडनबर्ग अडानी ग्रुप पर पिछले एक साल से अलग-अलग आरोप लगाता रहा है. रिसर्च एजेंसी ने शुरुआत 2023 में अडानी ग्रुप पर लगे आरोपों के जरिये सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर आरोप लगाया है कि उन्होंने एक ऑफशोर फंड में निवेश किया था, जिसका संबंध अडानी ग्रुप से है. हिंडनबर्ग रिसर्च शेयरों को शॉर्ट सेल करती है- इसका मतलब है कि यह उन शेयरों को लेती है और उम्मीद करती है कि उनका मूल्य गिरेगा- जब शेयर का मूल्य गिरता है तो हिंडनबर्ग रिसर्च उन्हें कम कीमत पर वापस खरीद लेती है और मुनाफा कमाती है. अडानी संग विवाद के चलते इसने काफी सुर्खियां बंटोरी हैं.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *