अडानी पर हिंडनबर्ग का एक और धमाका…क्या स्विस बैंक में पैसा हुआ फ्रीज?
अगर आप सोच रहे हैं कि हिंडगबर्ग के भूत का साया गौतम अडानी हट गया है तो ये आपकी गलतफहमी है. एक अमेरिकी रिसर्च बेस्ड कंपनी ने गौतम अडानी और अडानी ग्रुप पर एक और बम फोड़ दिया है. जिससे साबित होता है कि हिंडनबर्ग आसानी से गौतम अडानी का पीछे छोड़ने वाला नहीं है. अमेरिकी कंपनी की ओर से इस बार जो खुलासा किया है, वो स्विस बैंक से संबंधित है. हिंडनबर्ग की ताजा रिपोर्ट में दावा किया है कि स्विस बैंक ने अडानी ग्रुप की मनी लॉन्डिंग और फ्रॉड की जांच के तहत 31 करोड़ डॉलर ये ज्यादा यानी 2600 करोड़ रुपए फ्रीज कर दिया है.
खास बात तो ये है कि ये जांच करीब 3 बरस से चल रही है. अडानी ग्रुप का ये ताजा मामला काफी गंभीर और अडानी ग्रुप के लिए चिंताजनक हो सकता है. वो भी ऐसे समय पर जब ग्रुप फंड रेज करने के लिए रिटेल निवेशकों की ओर रुख करने की प्लानिंग कर रही है. अब निवेशकों की नजर अडानी ग्रुप की शेयरों पर देखने को मिलेगी. मुमकिन है कि शुक्रवार को अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट देखने को मिल सकती है. आइए इसे विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है.
हिंडनबर्ग ग्रुप का अडानी पर नया आरोप
अमेरिकी बेस्ड कंपनी हिंडनबर्ग रिर्च की ओर से अडानी ग्रुप पर नया आरोप या यूं कहें कि खुलाया किया है. कंपनी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि स्विस अधिकारियों ने अडानी ग्रुप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग और सिक्योरिटीज पर फ्रॉड के आरोप में जांच के तहत 6 अकाउंट में डिपॉजिट 31 करोड़ डॉलर यानी 2600 करोड़ रुपए फ्रीज कर दिए हैं. अमेरिकी शॉर्ट सेलर की ओर से दी गई जानकारी स्विस क्रिमिनल कोर्ट के रिकॉर्ड के हवाले से दी है. सरकारी एजेंसी के अनुसार इसकी जांच साल 2021 से लगातार चल रही है. इस इंवेस्टीगेशन में अडानी ग्रुप से संबंधित ऑफशोर संस्थाओं से जुड़े वित्तीय लेनदेन पर प्रकाश डाला है।
स्विस मीडिया रिपोर्ट्स का दिया हवाला
स्विस मीडिया रिपोर्ट्स में अडानी ग्रुप को लेकर काफी चर्चा का विषय बना हुआ है. अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग ने मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि प्रोसिक्यूटर्स ने जानकारी देते कहा कि कैसे अडानी की सहयोगी कंपनी (फ्रंटमैन) ने BVI/मॉरीशस और बरमूडा के विवादित फंड्स में निवेश किया था। खास बात तो ये है कि इन फंड्स का पैसा अडानी के शेयरों में लगा था। इन तमाम बातों की जानकारी स्विस क्रिमिनल कोर्ट के रिकॉर्ड्स से मिली है।
फिर उठा विवाद
वास्तव में किसी ने नहीं सोचा था कि अडानी हिंडनबर्ग के बीच की लड़ाई खत्म हो गई है. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. वहीं नई रिपोर्ट ने इस जंग को फिर से हवा दी है. पिछले साल की शुरुआत 2023 में अडानी ग्रुप पर लगे आरोपों के जरिये सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर आरोप लगाया है कि उन्होंने एक ऑफशोर फंड में निवेश किया था, जिसका संबंध अडानी ग्रुप से है। हिंडनबर्ग रिसर्च शेयरों को शॉर्ट सेल करती है- इसका मतलब है कि यह उन शेयरों को लेती है और उम्मीद करती है कि उनका मूल्य गिरेगा- जब शेयर का मूल्य गिरता है तो हिंडनबर्ग रिसर्च उन्हें कम कीमत पर वापस खरीद लेती है और मुनाफा कमाती है। अडानी संग विवाद के चलते इसने काफी सुर्खियां बंटोरी हैं.