अडानी बदलेंगे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की तस्वीर, खरीदने जा रहे हैं ये कंपनी
गौतम अडानी देश में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और क्लाउड सर्विस की तस्वीर बदलने की तैयारी कर रहे हैं. इसके लिए अडानी ग्रुप और सीरियस इंटरनेशनल होल्डिंग की ज्वाइंट वेंचर कंपनी एआई और क्लाउड प्लेटफॉर्म को खरीदने जा रही है. इस कंपनी का नाम कॉर्ज.आईओ है. वास्तव में कॉर्ज.आईओ की पेरेंट कंपनी का नाम पार्सरलैब्स इंडिया है. ज्वाइंट वेंचर पार्सरलैब्स इंडिया में 77.5 फीसदी की हिस्सेदारी खरीने जा रही है. शेयरों के अधिग्रहण के तहत एक शेयर की कीमत 20 हजार रुपए होगी. जिसकी फेस वैल्यू 1 रुपए होगी. ज्वाइंट वेंचर और पार्सरलैब्स इंडिया के बीच समझौते पर साइन हो गए हैं.
तब तक फाइनल होगी डील
अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज शेयर बाजार को दी गई जानकारी के अनुसार ये पूरी डील या यूं कहें कि कंपनी का अधिग्रहण सितंबर 2024 के अंत तक पूरा होने के आसार हैं. जानकारी के अनुसार पार्सरलैब्स इंडिया के पास कॉर्ज.आईओ इंडिया की 100 फीसदी होल्डिंग हैं. बीते वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी का बिजनेस 45.63 करोड़ रुपए देखने को मिला था. खास बात तो ये है कि बीते तीन वित्त वर्ष में कंपनी के बिजनेस में करीब 4 गुना का इजाफा देखने को मिला था. वित्त वर्ष 2023 में कंपनी का कारोबार 28.94 करोड़ रुपए देखने को मिला था. जबकि वित्त वर्ष 2022 में यह कारोबार 12.09 करोड़ रुपए देखा गया.
अडानी इंटरप्राइजेज के शेयर में इजाफा
अगर बात अडानी इंटरप्राइजेज के शेयरों की बात करें तो मंगलवार को अडानी के शेयरों में 19.90 रुपए के इजाफे के साथ 3,110 रुपए पर बंद हुआ है. वैसे मंगलवार को कंपनी का शेयर 3128.15 रुपए पर ओपन हुआ था. कारोबारी सत्र के दौरान कंपनी का शेयर 3138 रुपए के साथ दिन के हाई पर भी पहुंच गया. 3 जून को कंपनी का शेयर 3,743 रुपए के साथ 52 हफ्तों के हाई पर पहुंच गया था. बीते 5 साल में कंपनी ने निवेशकों को करीब 2300 फीसदी का रिटर्न दिया है. मौजूदा समय में कंपनी का मार्केट कैप 3,54,540.35 करोड़ रुपए का है.
ये है ज्वाइंट वेंचर
गौतम अडानी ने पिछले साल संयुक्त अरब अमीरात की इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी आईएचसी की सीरियस इंटरनेशनल होल्डिंग लिमिटेड और अडानी इंटरप्राइजेज ने मिलकर सीरियस डिजिटेक इंटरनेशनल लिमिटेड नाम से एक ज्वाइंट वेंचर बनाया था. जिसमें अडानी की 49 फीसदी और सीरियस इंटरनेशनल होल्डिंग लिमिटेड की 51 फीसदी हिस्सेदारी है. इस नए ज्वाइंट वेंचर का काम एआई के अलावा इंटरनेट ऑफ थिंग्स और ब्लॉकचेन के बारे में पता लगाने का होगा.