अडानी-हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की पुनर्विचार याचिका

सुप्रीम कोर्ट ने अडानी-हिंडनबर्ग विवाद मामले में दायर पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी या अदालत की निगरानी में सीबीआई जांच गठित करने से इनकार किया था. कोर्ट ने कहा था कि सेबी (Securities and Exchange Board of India) आरोपों की जांच कर रहा है.
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा है कि समीक्षा याचिका पर गौर करने के बाद रिकॉर्ड में कोई त्रुटि नहीं दिखाई पड़ती है. नियम-2013 के आदेश 47 नियम-1 के तहत समीक्षा का कोई मामला नहीं बनता है. इसको देखते हुए समीक्षा याचिका खारिज की जाती है.
इसी साल 3 जनवरी को कोर्ट ने शेयर की कीमतों में हेराफेरी के आरोपों की सीबीआई (Central Bureau of Investigation) या एसआईटी (Special Investigation Team) से जांच कराने का आदेश देने से इनकार किया था. कोर्ट ने कहा था कि सेबी आरोपों की जांच कर रहा है.
पुनर्विचार याचिका में कही गई थी ये बात
पुनर्विचार याचिका में दावा किया गया था कि फैसले में गलतियां थीं. सेबी ने अपनी रिपोर्ट में कोर्ट को केवल आरोपों के बाद की गई 24 जांच की स्थिति के बारे में बताया था. उसने इनके पूरा होने या अधूरे होने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सेबी ने अदानी ग्रुप पर लगे 24 आरोपों में से 22 मामलों में अपनी जांच पूरी कर ली है.
बीते साल आई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने सिर्फ अडानी ग्रुप को ही नहीं, बल्कि भारत के पूरे कॉरपोरेट सेक्टर को हिलाकर रख दिया था. पिछले साल 24 जनवरी कोअमेरिका की शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आई थी. इसका नुकसान ये हुआ था कि जो गौतम अडानी दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति बन चुके थे, वो एक झटके में 25वें पायदान से भी नीचे चले गए थे. उनकी नेटवर्थ में बड़ी गिरावट आई थी.

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