अनिल अंबानी बिजनेस में डालेंगे जान, बना लिया फुलप्रूफ प्लान

अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप ने हाल के वर्षों में अपनी प्रमुख फर्मों को दिवाला कार्यवाही में नीलाम होते और कर्ज में डूबते हुए देखा है. यहां तक कि कर्ज में डूबे अनिल अंबानी को खुद दिवालिया घोषित करने में मजबूर होना पड़ा और एक समय में उन्होंने कहा कि उनके पास जीरो नेटवर्थ है. वहीं बीते कुछ समय से अनिल अंबानी के हालातों में सुधार देखने को मिला है. कंपनियों के कर्ज कम हुए हैं. खास बात तो ये है कि उनकी दो कंपनियां तो पूरी तरह से कर्जमुक्त हो गई हैं. जिसकी वजह से अनिल अंबानी की उन कंपनियों के शेयरों में इजाफा देखने को मिला है और उनके मार्केट कैप में 25 से 50 फीसदी तक की बढ़ोतरी देखने को मिली है. ग्रुप ने पिछले सप्ताह ऐसी घोषणाएं की हैं, जिन्हें निवेशक बदलाव के संकेत मान रहे हैं. आए आपको भी बताते हैं कि अनिल अंबानी के ग्रुप ने किस तरह के ऐलान किए हैं…
अनिल अंबानी ने बनाया ये प्लान
ग्रुप ने 18 सितंबर से 20 सितंबर तक तीन दिनों में घोषणा की कि वह लंबी अवधि के फंड जुटाने की योजनाओं को लागू कर रहा है. इससे समूह की वित्तीय स्थिति मजबूत हो सकती है. रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के बोर्ड ने Preferential Issue और क्यूआईपी के जरिए 6,000 करोड़ रुपए तक के फंड जुटाने को मंजूरी दी. दूसरी ओर रिलायंस पावर का बोर्ड कई तरीकों से फंड जुटाने पर विचार करने और उसे मंजूरी देने के लिए 23 सितंबर को बैठक कर रहा है. जिस गति से अनिल अंबानी ने अपनी कंपनियों के कर्ज को चुकाने के लिए कदम उठाया, और साथ ही अपनी कंपनियों के भविष्य के विस्तार के लिए फंड जुटाने की योजनाओं की घोषणा की और उन्हें लागू किया, उसने निवेशकों को आश्चर्यचकित कर दिया है. शेयर बाजारों में दोनों फर्मों के शेयरों में उछाल आया.
निवेशकों का बढ़ रहा भरोसा
निवेशकों ने कहा कि अनिल अंबानी की प्रमुख कंपनी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर में प्रमोटर्स ग्रुप द्वारा 1,100 करोड़ रुपए निवेश करने की घोषणा ने ग्रुप की पुनरुद्धार योजनाओं में उनका भरोसा और बढ़ा दिया है. उनका मानना ​​है कि कर्ज में कमी और ताजा फंड जुटाने की अनिल अंबानी की दोहरी रणनीति ने रिलायंस ग्रुप के दीर्घकालिक ट्रांसफोर्मेशन के लिए आधार तैयार कर दिया है. इस सप्ताह के अंत तक रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर का बाजार पूंजीकरण लगभग 50 प्रतिशत बढ़कर 8,500 करोड़ रुपए से 12,500 करोड़ रुपए हो गया. इसी तरह, रिलायंस पावर का बाजार पूंजीकरण 25 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 11,500 करोड़ रुपए से 14,600 करोड़ रुपए हो गया. इसका मतलब है दोनों कंपनियों के मार्केट कैप में कंबाइली 7100 करोड़ रुपए का फायदा हो चुका है.
कैसी है कंपनियों के शेयरों की स्थिति
पहले बात रिलायंस इंफ्रा की बात करें तो शुक्रवार को कंपनी के शेयर 11 फीसदी से ज्यादा की तेजी के साथ बंद हुए. आंकड़ों के अनुसार आर इंफ्रा के शेयर 31.70 रुपए की तेजी के साथ 316.45 रुपए पर बंद हुए. कारोबारी सत्र के दौरान कंपनी का शेयर 327.85 रुपए के साथ लाइफ टाइम हाई पर पहुंच गया. वैसे बीते हफ्ते में रिलायंस इंफ्रा के शेयर में 103.45 रुपए यानी करीब 49 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिल चुकी है. वहीं बीते एक साल में कंपनी के शेयर में 80 फीसदी से ज्यादा का इजाफा देखने को मिल चुका है.
वहीं दूसरी ओर रिलायंस पावर के शेयरों में शुक्रवार को 5 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली और कंपनी का शेयर 36.35 रुपए प्रति शेयर पर बंद हुआ. बीते एक हफ्ते में कंपनी के शेयरों में 21 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है. जबकि बीते एक साल में कंपनी का शेयर निवेशकों को 92 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दे चुका है.

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