अफ्रीका के बाद अब इन देशों में भी पहुंचा मंकीपॉक्स वायरस, भारत में कितना खतरा?
अब मंकीपॉक्स वायरस का खतरा दुनियाभर में बढ़ता दिख रहा है. अफ्रीका के बाद पाकिस्तान में भी इस वायरस के मामले रिपोर्ट किए गए हैं. अफ्रीका में 30 हजार से अधिक केस आ चुके हैं और 500 से अधिक मौतें हो गई हैं. लगाातर बढ़ रहे मामलों को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन इस वायरस को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर चुका है. WHO का कहना है कि वायरस फिर से पांव पसार रहा है. ऐसे में अलर्ट रहने की जरूरत है. 2 साल में दूसरी बार इस वायरस को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी माना गया है. अफ्रीक के बाद मंकीपॉक्स वायरस पाकिस्तान भी पहुंच चुका है. पाकिस्तान में इस वायरस के मामले आए हैं, तो क्या अब भारत में भी खतरा होगा?
भारत में पिछली बार भी मंकीपॉक्स के 30 केस आए थे और एक मरीज की मौत हुई थी. चूंकि वायरस एक से दूसरे इंसान में फैलता है तो भारत में इसके दोबारा आने का रिस्क है. मंकीपॉक्स के बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है की भारत में फिलहाल मंकीपॉक्स का कोई केस नहीं है. इस वायरस को कंट्रोल करने के लिए एहतियाती कदम उठाए जाएंगे. हालांकि बाहर से आने वाले लोगों से इस वायरस के फैलने का रिस्क है, लेकिन भारत में ज्यादा मामले आने की आशंका नहीं है. लेकिन स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है. वायरस की रोकथाम के लिए ट्रेसिंग बढ़ाई जाएगी और सदिग्धों के सैंपलों की जांच भी की जाएगी.
भारत में कितना खतरा?
महामारी विशेषज्ञ डॉ जुगल किशोर बताते हैं कि मंकीपॉक्स वायरस को अब एमपॉक्स कहा जाता है. 1958 में पहली बार इस वायरस की पहचान हुई थी. तब से कुछ न कुछ मामले आते ही रहते हैं.भारत में भी मंकीपॉक्स के केस आने का रिस्क है, लेकिन मामले कितने आएंगे और मरीजों में कैसे लक्षण होंगे इस बारे में साफ तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है. पिछले बार जब भारत में मंकीपॉक्स के केस आए थे तो करीब 30 लोग इससे संक्रमित हुए थे, लेकिन लोकल लेवल पर वायरस का ट्रांसमिशन नहीं था. जो लोग बाहर के देशों से यात्रा करके आए थे वही संक्रमित मिले थे. ऐसे में पैनिक होने की जरूरत नहीं है, हालांकि वायरस को लेकर काफी अलर्ट रहना होगा और अभी से बचाव की तैयारियों को तेज करना होगा.
मंकीपॉक्स के लक्षण क्या हैं
हल्का बुखार
मांसपेशियों में दर्द
शरीर पर दाने निकलना
उल्टी या मतली भी हो सकती है.