अब LIC से रिटर्न में मिलेगा ज्यादा पैसा, बजट में हुई है ये खास घोषणा

बजट 2024-25 पेश हो चुका है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम आदमी यानी मिडिल क्लास को राहत देने के लिए न्यू टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को 50,000 से बढ़ाकर 75,000 करने का काम किया है. इसी के साथ एक ऐसा ऐलान भी किया है जिसका फायदा उन लोगों को होगा जो एक्स्ट्रा इनकम के लिए बीमा एजेंट का काम करते हैं, साथ ही आम लोगों का जीवन बीमा की मैच्योरिटी पर मिलने वाला पैसा पहले से ज्यादा हो जाएगा.
बजट 2024-25 के प्रस्तावों के मुताबिक सरकार ने कई तरह के पेमेंट पर टीडीएस की दर को 5 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत कर दिया है. इसका सीधा फायदा जीवन बीमा कंपनियों द्वारा किए जाने वाले अलग-अलग पेमेंट पर मिलेगा.
बढ़ेगा एजेंट का कमीशन, ग्राहकों का मैच्योरिटी लाभ
बजट के प्रस्तावों के मुताबिक आयकर कानून की धारा-194D के हिसाब से अब इंश्योरेंस के कमीशन के पेमेंट पर 5 प्रतिशत की बजाय 2 प्रतिशत टीडीएस कटेगा. नया प्रावधान एक अप्रैल 2025 से मान्य होगा. इससे अब इंश्योरेंस कमीशन का पेमेंट होने पर पहले से 3 प्रतिशत अधिक राशि मिलेगी.
बीमा पॉलिसी होल्डर्स को मिलेगा ज्यादा पैसा
टीडीएस में इस कटौती का फायदा बीमाधारकों को भी मिलेगा. अब से अगर कोई बीमा कंपनी जीवन बीमा पॉलिसी के एवज में कोई पेमेंट करती है, तो धारा-194DA के तहत टीडीएस की दर 2 प्रतिशत ही होगी, जो पहले 5 प्रतिशत थी. इस नियम का फायदा 1 अक्टूबर 2024 से ही मिलने लगेगा. इससे आम लोगों को अब जीवन बीमा की मैच्योरिटी पर शुरुआत में ही 3 प्रतिशत एक्स्ट्रा पैसा मिल जाएगा, जो पहले टैक्स रिटर्न फाइल करने पर वापस आता था.
टीडीएस दर में कटौती का फायदा इन लोगों को भी
टीडीएस की दर में इस कटौती का फायदा लॉटरी टिकट बेचने पर मिलने वाले कमीशन, ब्रोकरेज या कमीशन के पेमेंट और हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली या व्यक्ति के रेंट पेमेंट करने पर मिलेगा. सभी पर टीडीएस की दर 5 प्रतिशत से घटकर 2 प्रतिशत पर आ गई है.
वहीं सरकार ने ई-कॉमर्स पोर्टल के ऑपरेटर द्वारा ई-कॉमर्स सेलर्स को किए जाने वाले अलग-अलग पेमेंट पर टीडीएस को 1 प्रतिशत से घटाकर 0.1 प्रतिशत कर दिया है. ये सभी नियम 1 अक्टूबर 2024 से लागू होंगे.
इस बारे में फ्लिपकार्ट के सीईओ कल्याण कृष्णमूर्ति ने कहा, “यह बजट भारत की मानव एवं संगठनात्मक पूंजी को बेहतर बनाने की दिशा में एक साहसिक कदम है. बजट में किए गए प्रावधानों से सप्लाई चेन के समक्ष आने वाली बाधाएं दूर होंगी. क्लस्टर्स के प्रोत्साहन, ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट हब की स्थापना और एमएसएमई का क्रेडिट फ्लो बढ़ाने से उद्योग को बड़ा समर्थन मिलेगा. टीडीएस रेट को 1% से घटाकर 0.1% करने से सेलर्स के पास ज्यादा वर्किंग कैपिटल बचेगी.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *