अमेठी लोकसभा चुनाव परिणाम 2024: अमेठी सीट से कांग्रेस के KL शर्मा को बढ़त बरकरार, स्मृति ईरानी 23 हजार वोट से पीछे

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का गढ़ रही अमेठी लोकसभा सीट पर इस बार रोमांचक मुकाबला देखने को मिल सकता है. इस सीट पर बीजेपी के टिकट पर निवर्तमान सांसद स्मृति ईरानी एक बार फिर से मैदान में हैं. वहीं कांग्रेस के टिकट पर किशोरी लाल शर्मा उन्हें टक्कर देते नजर आएंगे. बसपा ने भी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने के लिए नन्हे सिंह चौहान को टिकट दिया है.
इस सीट पर पांचवें चरण में 20 मई को वोटिंग हुई थी. यहां कुल 54.34 फीसदी वोट पड़े. साल 2019 में भी इस सीट पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर हुई थी. उस समय बीजेपी के टिकट पर स्मृति ईरानी बड़ी मुश्किल से चुनाव जीत पायी थीं. उन्हें कुल 4 लाख 68 हजार वोट मिले थे. जबकि कांग्रेस के टिकट पर राहुल गांधी 4 लाख 13 हजार 394 वोट पाकर भी 55 हजार वोटों से चुनाव हार गए थे.
Live Updates:
10.59 AM: छठे चरण के बादकिशोरी लाल शर्मा की बढ़त 23428 वोट से अधिक हो गई है. किशोरी लाल शर्मा को 82577 को वोट मिले तो स्मृति ईरानी को 59149 वोट आए हैं.
10.18 AM: कांग्रेस के किशोरी लाल शर्म 14997 वोट से आगे हो गए हैं.
10.09 AM: अमेठी से किशोरी लाल शर्मा 10423 वोट से आगे चल रहे हैं.
10.01 AM: अमेठी सीट से कांग्रेस को किशोरी लाल शर्मा को 31489 वोट मिले हैं जबकि स्मृति ईरानी को 21899 वोट आए. किशोरी लाल शर्मा 9590 वोट से आगे चल रहे हैं.
9.37 AM: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी 3 हजार से अधिक मतों से पीछे चल रही हैं.
9.01 AM: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पीछे हुईं.
8.00 AM: अमेठी में भी मतगणना शुरू.
2014 का जनादेश
साल 2014 में भी राहुल गांधी और स्मृति ईरानी का मुकाबला हुआ था. उस समय कांग्रेस के टिकट पर राहुल गांधी को कुल 4 लाख 8 हजार वोट मिले थे. वहीं बीजेपी के टिकट पर स्मृति ईरानी को कुल 3 लाख वोट मिले थे और 1 लाख 7 हजार वोटों के अंतर से चुनाव हार गई थीं. उस चुनाव में बसपा ने भी धर्मेंद्र प्रताप सिंह को इस सीट से टिकट दिया था, लेकिन उन्हें महज 57 हजार वोट मिले थे और जमानत जब्त हो गई थी.
कांग्रेस का गढ़ रही ये सीट
आजादी के तीन दशक के बाद अस्तित्व में आई अमेठी लोकसभा क्षेत्र पहले सुल्तानपुर साउथ संसदीय सीट का हिस्सा था. 1962 में सुल्तानपुर जिले की चार और प्रतापगढ़ की एक विधानसभा सीट को मिलाकर मुसाफिरखाना लोकसभा सीट का गठन किया गया. फिर 1972 के परिसीमन में रायबरेली जिले की दो और सुल्तानपुर जिले की तीन विधानसभा सीटों को मिलकर अमेठी लोकसभा सीट बनी. इस लोकसभा सीट पर पहला चुनाव 1977 में हुआ. उस समय कांग्रेस के टिकट पर संजय गांधी चुनाव में उतरे, लेकिन जनता पार्टी के रवींद्र प्रताप सिंह के सामने वह चुनाव हार गए थे.
उन्होंने साल 1980 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर से नामांकन किया और जीत कर संसद पहुंचे. हालांकि 1981 में उनके निधन के बाद उपचुनाव हुआ तो यह सीट राजीव गांधी ने जीत ली. राजीव गांधी इस सीट पर लगातार चार चुनाव जीते. फिर 1991 में उनके निधन के बाद हुए उपचुनाव में इस सीट से कांग्रेस के ही सतीश शर्मा सांसद बने और 96 के चुनाव में उन्होंने अपनी सीट बचाए रखी. हालांकि 98 के चुनाव में बीजेपी के टिकट पर संजय सिंह ने यह सीट कांग्रेस से छीन ली. 1999 के चुनाव में सोनिया गांधी इस सीट से मैदान में उतरीं और एक बार यहां से चुनाव जीतने के बाद उन्होंने यह सीट राहुल गांधी के लिए खाली कर दिया.
उसके बाद साल 2004, 2009 और 2014 का चुनाव यहां से राहुल गांधी जीते. 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी के टिकट पर स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी से यह सीट छीन ली. इस लोकसभा सीट पर 1981 में लोकदल के टिकट पर शरद यादव भी चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि वह राजीव गांधी के सामने चुनाव हार गए थे.

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