अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में ईरान की एंट्री, ट्रंप का चुनाव अभियान हैक!
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में कुछ महीनों का समय बाकी है. जैसे जैसे चुनाव करीब आ रहे हैं, वैसे वैसे आरोप प्रत्यारोप का दौर भी बढ़ता जा रहा है. इस चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी की ओर से अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उप राष्ट्रपति कमला हैरिस आमने सामने हैं. अब इस चुनाव में ईरान की भी एंट्री हो गई है.
रिपब्लिकन उम्मीदवार की कैंपेन टीम ने शनिवार देर रात एक बयान जारी करते हुए दावा किया कि ईरानी सरकार ने संवेदनशील आंतरिक दस्तावेजों को चुराया और आगे फैलाया है. ट्रंप की टीम का ये आरोप माइक्रोसॉफ्ट की ओर से अमेरिकी चुनावों में विदेशी दखल की कोशिशों पर जारी रिपोर्ट के बाद आया है.
“चुनावों में अराजकता फैलाना की कोशिश”
चुनाव अभियान ने ट्रंप और ईरान के बीच पिछले तनाव का हवाला देते हुए ये आरोप लगाए हैं, लेकिन अभियान ने इस जुड़ा कोई सबूत नहीं दिया है. अभियान के प्रवक्ता स्टीवन चेउंग ने कहा, “ये दस्तावेज़ अमेरिका के दुश्मन विदेशी सोर्स से अवैध रूप से लिए गए थे, जिनका मकसद 2024 के चुनाव में दखल देना और चुनावों में अराजकता फैलाना है.”
शनिवार की देर रात ट्रम्प ने अपने ट्रुथ सोशल ऐप पर पोस्ट किया कि माइक्रोसॉफ्ट ने अभियान को बताया था कि ईरान ने उनकी एक वेबसाइट हैक कर ली है, लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि वे सिर्फ वो जानकारी ले पाए हैं जो पहले पब्लिक में है.
माइक्रोसॉफ्ट की चैतावनी
टेक की नामी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने शुक्रवार को चेतावनी दी थी कि ईरान आगामी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने के लिए अपनी ऑनलाइन गतिविधियों को तेज कर रहा है. माइक्रोसॉफ्ट की खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक ईरानी साइबर अटैकर्स ने अमेरिकी चुनावों में अपने फिशिंग हमले शुरू किए हैं. रिपोर्ट में बताया गया था कि फर्जी समाचार साइटें बनाई हैं और वोटरों को अपने हिसाब से बरगलाने की कोशिश की जा रही है. हालांकि ईरान ने इन सभी आरोपों को खारिज कर दिया है.