अमेरिका चुनाव में पलटेगी बाज़ी? बढ़त बना रहीं कमला हैरिस के खिलाफ ट्रंप ने चला IVF वाला दांव
अमेरिका में 5 नवंबर को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होंगे, ताज़ा सर्वे में कमला हैरिस ने डोनाल्ड ट्रंप से बड़ी बढ़त बना ली है. ऐसे में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार ने एक बड़ा दांव खेला है. ट्रंप ने ऐलान किया है कि अगर वह एक बार फिर व्हाइट हाउस की रेस जीतने में कामयाब होते हैं तो महिलाओं को मुफ्त IVF ट्रीटमेंट मिलेगा. ट्रंप ने कहा है कि IVF उपचार का सारा खर्च सरकार या बीमा कंपनी उठाएगी.
दरअसल अमेरिका में IVF ट्रीटमेंट और अबॉर्शन का मुद्दा काफी बड़ा है. देश की सर्वोच्च अदालत ने जून 2022 में अबॉर्शन को मंजूरी देने वाले कानून पर रोक लगा दी थी, जिसे लेकर महिलाओं में काफी नाराज़गी है. वहीं कमला हैरिस हमेशा से अबॉर्शन जैसे मुद्दों को लेकर मुखर रही हैं, हैरिस अबॉर्शन विरोधी कानून के रद्द करने और पुराने कानून को बहाल करने के पक्ष में हैं. यही वजह है कि महिलाओं के बीच उनका समर्थन बढ़ता जा रहा है.
ट्रंप का IVF वाला दांव क्यों?
महिला मतदाताओं के बीच हुए एक ताज़ा सर्वे के मुताबिक कमला हैरिस को ट्रंप के मुकाबले महिलाओं का काफी सपोर्ट मिल रहा है. वह करीब 10 प्वाइंट से ट्रंप पर बढ़त बनाती दिख रही हैं. शायद यही वजह है कि ट्रंप ने IVF को लेकर इतना बड़ा वादा किया है.
ट्रंप ने गुरुवार को मिशिगन में एक प्रचार अभियान के दौरान कहा है कि अगर अमेरिका में ट्रंप सरकार बनती है तो सरकार IVF उपचार से जुड़ी सभी लागतों का भुगतान करेगी, या आपकी बीमा कंपनी को भुगतान करने के लिए बाध्य किया जाएगा. ट्रंप ने कहा है कि वह परिवार बढ़ाने के समर्थक हैं.
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अबॉर्शन मुद्दे पर भी बदले सुर
इसके अलावा ट्रंप ने NBC न्यूज़ को दिए एक इंटरव्यू में एक और बड़ा ऐलान किया था, उन्होंने कहा था कि वह फ्लोरिडा में 6 सप्ताह के गर्भपात प्रतिबंध को रद्द करने के लिए वोट करेंगे क्योंकि इतने कम समय में कई बार महिलाओं को पता ही नहीं चल पाता है कि वह गर्भवती हैं. उन्होंने कहा कि 6 सप्ताह का समय काफी कम है, इसे और अधिक होना चाहिए.
ट्रंप के इन बयानों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अबॉर्शन का मुद्दा व्हाइट हाउस की रेस में बढ़त बनाने के लिए कितना अहम है और वह फिलहाल इस मुद्दे पर अपनी प्रतिद्वंदी कमला हैरिस से काफी पीछे हैं. अमेरिका की सर्वोच्च अदालत के जिन 3 जजों ने अबॉर्शन को मंजूरी देने वाला कानून रद्द किया था उनकी नियुक्ति ट्रंप प्रशासन के दौरान की गई थी. वहीं रिपब्लिकन पार्टी और डोनाल्ड ट्रंप अबॉर्शन विरोधी कानून के समर्थक रहे हैं. ऐसे में ट्रंप का ये बयान अबॉर्शन को लेकर उनके बदलते स्टैंड को दिखाता है.
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अमेरिका में काफी महंगा है IVF ट्रीटमेंट
रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका में IVF ट्रीटमेंट के सिंगल राउंड के लिए करीब 10 हजार डॉलर (करीब 8 लाख रुपये) तक खर्च आ सकता है. महिलाओं को IVF के तहत कई बार एक से ज्यादा राउंड के ट्रीटमेंट की ज़रूरत पड़ती है. वहीं यह इलाज काफी पीड़ादायक भी होता है.
ऐसे में अगर इस इलाज का खर्च सरकार या बीमा कंपनी उठाती है तो ज़ाहिर तौर पर महिलाओं के लिए आर्थिक तौर पर बड़ी राहत होगी. लिहाज़ा ट्रंप का यह ऐलान महिला मतदाताओं में पैठ बनाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है, हालांकि ये आने वाला समय ही बताएगा कि ट्रंप को इन वादों से राष्ट्रपति चुनाव में कोई मदद मिलती है या नहीं.