अमेरिका पर हमले की तैयारी कर रहा है चीन, तस्वीरों से हुआ खुलासा

चीन अब अमेरिका के साथ-साथ नाटो देशों के भी निशाने पर आ गया है और यूक्रेन युद्ध में रूस की मदद के लिए नाटो देशों ने उसको सीधी चेतावनी जारी की है. 32 सदस्यीय सुरक्षा गठबंधन द्वारा जारी संयुक्त घोषणापत्र में कीव के खिलाफ मास्को की आक्रामकता को बढ़ावा देने के लिए सीधे तौर पर बीजिंग को दोषी ठहराया गया है. गठबंधन के राष्ट्राध्यक्षों की वार्षिक बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया कि चीन अपने हितों और प्रतिष्ठा पर नकारात्मक प्रभाव डाले बिना यूरोप में हाल के इतिहास में सबसे बड़ा युद्ध नहीं छेड़ सकता है.
इसके पीछे एक बड़ी वजह यह भी बताई जा रही है कि हाल ही में सामने आईं सैटेलाइट इमेजेस से पता चलता है कि चीनी सेना शिनजियांग के रेगिस्तान में अमेरिकी लड़ाकू विमानों और विमानवाहक पोतों पर हमले का अभ्यास कर रही है. गूगल अर्थ द्वारा 29 मई को ली गई तस्वीरों में एक विमानवाहक पोत और अमेरिकी स्टेल्थ लड़ाकू विमानों जैसी दिखने वाली 20 से अधिक जेट विमानों की प्रतिकृतियां दिखाई दे रही हैं.
यह अभ्यास अमेरिकी नौसेना बलों से खतरों को बेअसर करने के लिए पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा अपनी लंबी दूरी की बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइल प्रणालियों को विकसित करने के प्रयासों को दर्शाता है. सैटेलाइट इमेजेस से अलास्का पर एक नकली हमले का संकेत मिलता है, जहां अधिकांश एफ-22 विमान तैनात थे. अलास्का संयुक्त राज्य अमेरिका में सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मिसाइल रक्षा प्रणाली का आधार भी है.

पीएलए लंबे समय से यह कहता आ रहा है कि उसके अभ्यास किसी विशिष्ट पक्ष को लक्ष्य करके नहीं किए जाते लेकिन समय-समय पर उसकी सोच उजागर हो जाती है. 2015 में पीएलए सैनिकों द्वारा एक इमारत के पास नकली लड़ाई में भाग लेने का फुटेज प्रसारित किया, जो ताइवान के राष्ट्रपति कार्यालय से काफी मिलता जुलता था. इस अभ्यास पीएलए को बैलिस्टिक मिसाइल द्वारा समुद्र में गतिशील लक्ष्य, जैसे विमान वाहकपोत पर हमला करने जैसे परिदृश्यों में अपनी सटीकता में सुधार करने में मदद मिलेगी.
ताइवान के पास पहुंचा चीन का जंगी बेडा
प्रशांत क्षेत्र में आयोजित अमेरिका के नेतृत्व में प्रमुख नौसैनिक अभ्यास के बीच पीएलए का शांदोंग विमानवाहक पोत ताइवान के दक्षिण-पूर्वी तट पर पहुंच गया है. विमानवाहक पोत को तीन अनुरक्षकों के साथ बाशी चैनल के पूर्व में देखा गया, जो ताइवान और फिलीपींस को अलग करता है. जापानी कर्मियों को जहाजों की निगरानी करने के लिए भेजा गया और उन्होंने शांदोंग के उड़ान डेक से उड़ान भरने और उतरने का अभ्यास कर रहे युद्धक विमानों और हेलीकॉप्टरों की तस्वीरें खींचीं. इस पोत को टाइप 055 निर्देशित मिसाइल विध्वंसक यानान, टाइप 052डी विध्वंसक गुइलिन और टाइप 054ए निर्देशित मिसाइल फ्रिगेट युनचेंग द्वारा संरक्षण दिया गया है.
अमेरिका के साथ अभ्यास में भाग लेने वाले देशों में जापान, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और भारत शामिल हैं, जिनके चीन के साथ अपने समुद्री या क्षेत्रीय विवाद हैं, जिनमें दक्षिण चीन सागर भी शामिल है. अमेरिका ने कहा है कि इस अभ्यास का उद्देश्य सभी क्षेत्रों और संघर्ष के स्तरों पर प्रमुख शक्तियों द्वारा की जाने वाली आक्रामकता को रोकना और हराना है और इसकी मुख्य विशेषताओं में से एक 40,000 टन वजनी सेवानिवृत्त अमेरिकी पोत को डुबोने का प्रयास होगा. अमेरिका के अलावा, केवल चीन के पास ही इंडो-पैसिफिक में इस तरह के युद्धपोत हैं.
सेना में सुधार करने में लगा चीन
आरोपी दो पूर्व रक्षा मंत्रियों को हटाने के बाद देश की सर्वोच्च सैन्य निर्णय लेने वाली संस्था, केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) ने कहा कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी अपने युद्ध-तैयारी मिशन के हिस्से के रूप में पूर्ण सुधार से गुजरेगी. सीएमसी ने कहा, ‘संघर्ष, युद्ध की तैयारी और सैन्य निर्माण में अपने प्रयासों को एकीकृत करना होगा. हमें नए युग में कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व को लगातार मजबूत करना होगा और एक मजबूत सेना के निर्माण के महान लक्ष्य को प्राप्त करना होगा’.
इसमें सेना की नीतियों और प्रथाओं की गहन समीक्षा के साथ-साथ इसके कर्मियों में अनुशासन और जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देना भी शामिल है. चीन ने स्वच्छ और कुशल सेना बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया है और भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने वाले किसी भी अधिकारी के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने की कसम खाई है. इस अभियान को राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सेना पर पार्टी नियंत्रण को मजबूत करने और इसके रैंकों के भीतर ईमानदारी की संस्कृति को बढ़ावा देने के प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है.

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