अमेरिका में मच्छरों से होने वाली बीमारी से एक शख्स की मौत…न वैक्सीन न दवा, बचाव ही है इलाज

अमेरिका के न्यू हैम्पशायर में एक व्यक्ति की मच्छरों से होने वाली एक दुर्लभ बीमारी से मौत हो गई. इसे ईस्टर्न इक्वाइन इंसेफेलाइटिस वायरस (EEEV) कहा जाता है. डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विस (DHHS) के स्वास्थ्य अधिकारियों ने मंगलवार को जानकारी दी है कि मरीज की पहचान हैम्पस्डेट शहर के व्यस्क के तौर पर की गई है, जो सेंट्रल नर्वस सिस्टम की बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती था, और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक इससे पहले न्यू हैंपशायर में साल 2014 में EEEV के 3 केस मिले थे, जिनमें से 2 लोगों की मौत हो गई थी. इस नए संक्रमण और मौत ने स्टेट के अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है. माना जा रहा है क्लाइमेंट चेंज (जलवायु परिवर्तन) की वजह से इसके फैलने का खतरा बढ़ सकता है.
मैसाचुसेट्स में भी मिला था एक केस
वहीं इससे पहले अगस्त माह की शुरुआत में मैसाचुसेट्स ने एक 80 साल के बुजुर्ग में EEE वायरस की पुष्टि की थी, जो कि इस साल का पहला केस था. अधिकारियों ने लोगों से ज्यादा जरूरी न होने पर घर से बाहर न निकलने, पब्लिक पार्क बंद करने और मच्छरों के नियंत्रण के लिए दवाइयों का छिड़काव करने को कहा था.
सेंटर फॉर डिसीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंसन के मुताबिक EEE वायरस से ग्रसित व्यक्ति में बुखार, सिर दर्द, उल्टी, डायरिया, दौरे आना, व्यवहार में बदलाव समेत कई लक्षण दिखाई दे सकते हैं. यह वायरस गंभीर न्यूरोलॉजिकल बीमारियां पैदा कर सकता है, जैसे कि दिमाग और रीढ़ की हड्डी के आसपास सूजन, इसे इंसेफेलाइटिस और मेनिन्जाइटिस के रूप में जाना जाता है.
30% लोगों की हो जाती है मौत!
EEE वायरस से संक्रमित लोगों में से लगभग 30 फीसदी लोगों की मौत हो जाती है, वहीं जो लोग इस वायरस से ठीक होने वाले लोगों में कई तरह के शारीरिक और मानसिक प्रभाव देखने को मिल सकता है. 15 से 50 साल की उम्र के बीच के लोगों के लिए यह वायरस काफी खतरनाक माना जाता है. वहीं वर्तमान में इसके इलाज के लिए कोई वैक्सीन या दवा मौजूद नहीं है, जिसके कारण यह जानलेवा साबित होता है.
स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों को बचाव के लिए कई तरह के सुझाव दिए हैं. लोगों से कहा गया है कि वह शरीर को पूरी तरह से ढक कर रखें, मच्छरों से बचाव के लिए आने वाली जेल और क्रीम का इस्तेमाल करें, साथ ही घरों के आसपास पानी जमा होने से रोकें, जिससे मच्छरों को तेज़ी से पनपने से रोका जा सके.

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