अमेरिका में 10 हजार लोगों ने किया भगवद गीता का पाठ, गुरु पूर्णिमा पर बना रिकॉर्ड

अमेरिका के शिकागो में स्वामी गणपति सच्चिदानंद फाउंडेशन ने गुरू पूर्णिमा के पावन अवसर पर संपूर्ण गीता पारायण का आयोजन किया. इस अवसर पर मैसूर कर्नाटक के अवधूत दत्त पीठाधीश गणपति सच्चिदानन्द स्वामीजी उपस्थित रहे. शिकागो के नोवरिना ऑडिटोरियम में आयोजित इस कार्यक्रम में भगवद्गीता के पारायण के लिए 10 हजार से अधिक अमेरिकी मूल के भारतीय और अमेरिकी लोगों ने भाग लिया, जो एक रिकॉर्ड है.
भगवद्गीता के सभी 700 श्लोकों का समवेत एक स्वर में पाठ किया गया. इसमें अमेरिका के 30 राज्यों से और विश्व के 14 देशों से लोग भाग लेने आये हुए थे. तीन साल से लेकर 80 साल तक के वयस्क ने इसमें भाग लिया, जिनमें से अधिकांश लोग पूज्य स्वामीजी के आशीर्वाद से संपूर्ण भगवद्गीता कंठ पाठ कर चुके हैं.
गुरू पूर्णिमा पर गीता का पाठ
मैसूर कर्नाटक के अवधूत दत्त पीठाधीश गणपति सच्चिदानन्द स्वामीजी गुरू पूर्णिमा पर्व के उपलक्ष्य में शिकागो स्थित ट्रिनिटी दत्त योगा सेंटर में अपने दो महीने के प्रवास पर हैं. शुक्रवार को नोवरिना ऑडिटोरियम में सहस्रार राग सागर नाद चिकित्सा कार्यक्रम भी हुआ, जिसमें हजारों लोगों ने स्वमीजी के ध्यान संगीत का आनन्द उठाया.
कई भाषाओं में हजारों कीर्तनों की रचना
इस कार्यक्रम में अमेरिका के इलिनायस के लेफ्टिनेंट गर्वनर जुलियाना स्टार्टन, वहां के सेक्रटरी ऑफ स्टेट एलेक्सी गायलोलियास, हॉफमेन स्टेट के मेयर बिल मैक्लियोड भी उपस्थित थे. नाम संकीर्तन पद्धति को प्रोत्साहित करने वाले स्वामीजी ने अनेक भाषाओं में हजारों कीर्तनों की रचना करके स्वरबद्ध रूप में गाया बजाया है.
देह और मन का संतुलन
स्वामीजी का कहना है कि सही प्रकार के संगीत के माध्यम से देह और मन का संतुलन बना रहता है. स्वामीजी ने पहले भी अमेरिका में संपूर्ण गीता पारायण का आयोजन करवाया है. पिछले साल भी करीब 10 हजार लोगों ने एक स्वर में गीता पाठ कर पूरी दुनिया को श्रीकृष्ण के गीता का संदेश दिया था और विश्व शांति के लिए प्रार्थना भी की थी.
मन्दिर और मूर्तियों की स्थापना
गणपति सच्चिदानंद स्वामीजी पूरे विश्व में हनुमानजी के विशाल मन्दिर और मूर्तियों की स्थापना के लिए भी प्रसिद्ध हैं. उनके द्वारा अमेरिका और यूरोप के कई देशों में हनुमानजी की विशाल मूर्तियों की स्थापना की गईं है. उनके द्वारा सम्पूर्ण विश्व में सनातन धर्म का प्रचार भी किया जाता है. मैसूर स्थित अवधूत दत्त पीठम के संस्थापक स्वामी श्री गणपति सच्चिदानंद जी का जीवन गीता के प्रचार के लिए भी समर्पित है.

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