अमेरिका से दोस्ती बढ़ाना चाहता है चीन! जिनपिंग ने US के एनएसए से की मुलाकात

अमेरिका और चीन के बीच तनावपूर्ण संबंधों में सुधार की उम्मीद जगी है. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन से मुलाकात की. ये मुलाकात दोनों देशों के बीच संवाद को फिर से स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. राष्ट्रपति शी ने कहा कि “दोनों देशों के हालात के साथ-साथ अमेरिका-चीन संबंधों में भी व्यापक बदलाव आ चुके हैं, लेकिन बीजिंग के द्विपक्षीय संबंधों को स्थायी और मजबूत करने के लक्ष्य में कोई बदलाव नहीं आया है”.
जैक सुलिवन ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी और सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के उपाध्यक्ष से भी मुलाकात की, जिसमें दोनों पक्षों ने संबंधों को और मजबूत करने का संकल्प जताया. हालांकि, दोनों देशों के बीच कुछ गंभीर मतभेद बने हुए हैं, खासकर ताइवान और दक्षिण चीन सागर के मुद्दों पर.
ताइवान और दक्षिण चीन सागर पर मतभेद
चीन ताइवान को अपना अभिन्न हिस्सा मानता है और उसे चीन में मिलाने की कोशिशों में जुटा है, जबकि अमेरिका ताइपे की हर तरह से मदद करने के लिए तत्पर है. दक्षिण चीन सागर में भी चीन और अन्य देशों, खासकर फिलीपींस के बीच टकराव की स्थिति है, जिसमें अमेरिका भी शामिल है.
व्यापार मुद्दों पर भी मतभेद
राजनीतिक मुद्दों के अलावा, दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधी मुद्दों पर भी गहरा मतभेद है. 2018 के बाद से चीन और अमेरिका के संबंध और तल्ख हुए हैं, खासकर रणनीतिक, रक्षा और व्यापार के मुद्दों पर. ऑटोमोबाइल और सोलर पैनल उत्पादन को लेकर भी गहरे मतभेद हैं.
हालांकि, दोनों देशों के बीच मतभेद गहरे हैं, लेकिन संवाद की जरूरत महसूस की जा रही है, खासकर दक्षिण चीन सागर में टकराव की स्थिति को रोकने के लिए. अमेरिकी राजदूत निकोलस बर्न्स ने कहा है कि “हमारे दोनों देशों के सैन्य बल दक्षिण चीन सागर और ताइवान जलडमरूमध्य में करीब-करीब स्थित हैं। ऐसी स्थिति में हम किसी गलत संकेत नहीं देना चाहते”.

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