अयोध्या की इकोनॉमी पर दिखने लगा राम मंदिर बनने का असर, इतनी महंगी होने जा रही जमीन
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर बनने का असर अब शहर की इकोनॉमी पर दिखने लगा है. राम मंदिर बनने के बाद से ही यहां जमीन की कीमतों में लगातार उछाल देखा जा रहा है. अब स्थानीय प्रशासन यहां के कई इलाकों में जमीन का सर्किल रेट बढ़ाने जा रहा है. कीमतों में ये बढ़ोतरी 200 प्रतिशत तक हो सकती है.
स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि अयोध्या जिले की सदर तहसील का सर्किल रेट अगले महीने बुधवार से 200 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा. इस बारे में अयोध्या मंडल के कमिश्नर गौरव दयाल ने जानकारी दी.
1235% ऊंचे रेट पर बिक रही जमीन
अयोध्या डिवीजन के कमिश्नर गौरव दयाल का कहना है कि सदर तहसील इलाके का सर्किल रेट बढ़ाने का नोटिस पब्लिश किया जा चुका है. अगले हफ्ते 4 सितंबर को स्थानीय प्रशासन यहां के सटीक सर्किल रेट की जानकारी दे देगा. इसी दिन से नए बढ़े हुए सर्किल रेट के बारे में सभी को सूचना मिल जाएगी.
अयोध्या के अपर महानिरीक्षक (स्टांप) योगेंद्र सिंह का कहना है कि राम जन्मभूमि मंदिर एरिया के पास और हाईवे के किनारे की जमीन पिछले तीन सालों में सर्किल रेट से 41 फीसदी से लेकर 1235 फीसदी अधिक तक की कीमत पर खरीदी गई है. इसलिए कई इलाकों में जमीन के सर्किल रेट 200 प्रतिशत तक बढ़ाए जा सकते हैं.
भगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यहां जमीन की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं. निवेशक, रियल एस्टेट कंपनियां और बड़ी होटल शृंखलाएं अयोध्या में ऊंची कीमतों पर जमीन खरीद रही हैं. इसी साल 22 जनवरी को अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भगवान श्री बालक रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की थी.
नकदी में हो रहे बड़े लेन-देन
स्थानीय प्रशासन का कहना है कि जमीन के मालिकों को सर्किल रेट के हिसाब से पेमेंट बैंक ट्रांसफर किया जा रहा है, जबकि ज्यादातर बड़े सौदे नकदी में हो रहे हैं. इसलिए जिला प्रशासन ने नया सर्किल रेट जारी करने का फैसला किया है. इसकी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है.
अयोध्या के जिलाधिकारी सी. वी. सिंह ने उत्तर प्रदेश स्टाम्प (सम्पत्ति का मूल्यांकन) 1997 के नियम चार के तहत जिले में जमीन की वैल्यूएशन सूची में संशोधन की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने के निर्देश दिए थे. सर्वे के बाद वर्ष 2024 के लिए संशोधित सर्किल रेट तैयार कर लिए गए हैं.
अयोध्या में पिछली बार 2017 में सर्किल रेट को लेकर संशोधन किया गया था. हालांकि इस बीच समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए सर्किल रेट बढ़ाया गया है.