अरब देशों से इजराइल-ईरान तक…विदेश में कितना फैला है टाटा ग्रुप का साम्राज्य?
देश के अनमोल रत्न रतन टाटा ने 86 साल की उम्र में शरीर छोड़ दिया. रतन ने टाटा ग्रुप को उस मुकाम तक पहुंचाया जो किसी भी कंपनी का सपना होता है. उन्होंने टाटा ग्रुप की जिस भी कंपनी में हाथ लगाया वो सोना बन गई. टाटा की गिनती आज देश ही नहीं दुनिया की दिग्गज कंपनियों में होती है. इसका साम्राज्य इजराइल, ईरान, ब्रिटेन से लेकर अमेरिका तक में फैला हुआ है.
टाटा का साम्राज्य 100 से देशों में है. इजराइल में टाटा की मौजूदगी टेक सेक्टर में है. यहां पर टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज कई अहम प्रोजेक्ट्स में शामिल है. करीब तीन साल पहले इजराइल के पहले पूर्ण डिजिटल बैंक ने बैंकिंग सर्विस ब्यूरो के लिए अपने पहले क्लाइंट के रूप में टीसीएस के साथ साझेदारी की थी. इसके अलावा ज्वेलरी सेक्टर में भी टाटा का बिजनेस फैला हुआ है.
2005 से इजराइल में है TCS
टीसीएस के मुताबिक, इजराइल की टेक्नोलॉजी और स्टार्टअप में उसकी गहरी रूचि है. कंपनी के मुताबिक वो इजराइली कंपनियों और सरकार के साथ साझेदारी के कई अवसर देखती है. इजराइल में टीसीएस की मौजूदगी 2005 से ही है. टीसीएस के लगभग 1,100 कर्मचारी इजराइल में काम करते हैं.
ईरान में किस सेक्टर में टाटा का काम?
वहीं, ईरान में टाटा की मौजूदगी स्टील सेक्टर में है. यहां पर टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा स्टील बिजनेस करती है. साउथ कोरिया में टाटा ट्रक का बिजनेस करती है.
ब्रिटेन में टाटा कार बनाती है. इसके अलावा साउथ वेल्स के पोर्ट टैलबोट में भी काम करती है. साल 2000 में टाटा ने लंदन में टेटली टी का अधिग्रहण किया था. अमेरिका में भी टाटा टेक सेक्टर में है. कई कर्मचारी उसके यहां पर काम करते हैं. अरब मुल्कों में टाटा का मुख्य काम डिफेंस और माइनिंग सेक्टर में है.
टाटा ने एंग्लो-डच स्टील निर्माता कोरस समूह को 11 अरब अमेरिकी डॉलर में खरीदा. उसने फोर्ड मोटर कंपनी से मशहूर ब्रिटिश कार ब्रांड जगुआर और लैंड रोवर को 2.3 अरब अमेरिकी डॉलर में खरीदा.