अरशद नदीम को अपने लोगों ने ही परेशान कर दिया, पाकिस्तानी एम्बेसी में गजब हो गया!

पेरिस ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर अरशद नदीम इस वक्त पाकिस्तान के हीरो बन चुके हैं. हर कोई उनसे मिलना चाह रहा है. उनके साथ सेल्फी लेना चा रहा है, उनका इंटरव्यू करना चाह रहा है. रातों रात वो एक बड़े स्टार हो गए हैं. इसके बावजूद पेरिस में वो बेबस नजर आए. उनके अपने लोगों ने ही इतना परेशान कर दिया कि वो कुछ नहीं कर पाए और घंटों इंतजार करना पड़ा. पेरिस में मौजूद पाकिस्तानी एम्बेसी में उनके साथ जो कुछ भी हुआ वो हैरान कर देने वाला है. अपने स्टार एथलीट के साथ ऐसा सलूक शायद सिर्फ पाकिस्तान ही कर सकता है. आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा क्या हो गया. तो आइये आपको बताते हैं कि पूरा मामला क्या है.
पेरिस में मजबूर नजर आए अरशद
पाकिस्तान को ओलंपिक में मेडल जीते हुए 32 साल हो गए थे. वहीं गोल्ड मेडल को 40 साल बीत चुके थे. इससे पहले 1992 के बार्सिलोना ओलंपिक में पाकिस्तान ने ब्रॉन्ज और 1984 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक में गोल्ड जीता था. इस सूखे को अब अरशद नदीम ने खत्म किया है. उन्होंने ना सिर्फ गोल्ड मेडल जीता बल्कि जैवलिन थ्रो के फाइनल में 92.97 मीटर के साथ ओलंपिक रिकॉर्ड भी बनाया. इसके बाद से ही पूरे पाकिस्तान में उनके नाम की गूंज है. हालांकि, इसके बावजूद उन्हें पेरिस में परेशान होना पड़ा है. पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अरशद नदीम को पेरिस में मौजूद पाकिस्तानी एम्बेसी में घंटों तक बैठाकर रखा गया. वो पूरी तरह से थक चुके थे और उन्हें जरा भी रुकने का मन नहीं था. फिर भी पाकिस्तान की एम्बेसी ने उन्हें वहां से निकालने के बजाय सेल्फी और तस्वीरों के लिए घंटों इंतजार करवाया.

Total mess at Pakistan Embassy in Paris. Arshad Nadeem was forced to sit for hours to have pics and selfies with people coming from all over France. He is literally sweating but looked helpless, tired and exhausted.
— Mohi shah (@mohishah1) August 9, 2024

अरशद के गांव में सड़क तक नहीं
अरशद नदीम पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मियां चुन्नू में रहते हैं. उनके गांव में ना तो पक्की सड़क है और ना ही कोई सुविधाएं हैं. वहीं उनके पिता मिस्त्री हैं और लोगों के घरों की मरम्मत करते हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान की सरकार अपने स्टार खिलाड़ी को किस तरह की सुविधा दे रही थी. इतना ही नहीं ओलंपिक से पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने उन्हें तैयारी के लिए केवल 10 लाख रुपए की मदद की थी. और, मेडल जीतने के साथ इस तस्वीर को शेयर भी कर दिया, जिसके बाद वो जमकर ट्रोल हुए.

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