अरुणाचल में BJP ने लगाई हैट्रिक, जानें खांडू सरकार का कैसे चला जादू?
भाजपा ने अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में तीसरी बार जीत हासिल कर सत्ता में वापसी की है. 60 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी ने 46 सीटों पर जीत हासिल की है. 2019 की तुलना में बीजेपी को चार सीटें अधिक मिली हैं. रविवार को हुई मतगणना में बीजेपी ने विपक्षी पार्टियों खासकर कांग्रेस को करारी शिकस्त दी है. चुनाव परिणाम में एनपीपी को 5, एनसीपी को 3 और पीपीए को 5, कांग्रेस को एक और निर्दलीय को तीन सीटों पर जीत मिली है.
जीत के बाद अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा कि विधानसभा चुनावों में भाजपा की भारी जीत सीमावर्ती राज्य के लोगों का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति समर्थन दर्शाती है. 44 वर्षीय खांडू देश के सबसे युवा मुख्यमंत्री भी हैं.
उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस एक खत्म हो चुकी ताकत है. अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस बहुत लंबे समय से सरकार चला रही थी. इसने एक भ्रष्ट व्यवस्था स्थापित की थी. कांग्रेस के तत्कालीन केंद्रीय नेताओं ने कभी भी बिना रिश्वत के कोई काम मंजूर नहीं किया था, लेकिन भाजपा ने शासन का एक वैकल्पिक तरीका दिया.
उन्होंने कहा कि दो पूर्वोत्तर राज्यों में विधानसभा चुनावों में भारी जीत राष्ट्रीय चुनावों के लिए 4 जून को होने वाली मतगणना से पहले एक अच्छा संकेत है. बता दें कि लोकसभा चुनाव में कई एग्जिट पोल ने भाजपा की भारी जीत की भविष्यवाणी की है.
भाजपा ने राज्य में विकास पर दिया जोर
अरुणाचल में भाजपा का ध्यान बुनियादी ढांचे, सड़कों और कनेक्टिविटी पर रहा है. ये निर्णायक साबित हुए हैं. पूर्वोत्तर में कांग्रेस की विफलता जारी है. पिछले चुनाव में केवल चार सीट हासिल की थी. इस बार वह एक पर सिमट गयी है. हालांकि, भाजपा ने अरुणाचल प्रदेश में 60 विधानसभा सीटों में से 46 सीटें जीतकर सत्ता बरकरार रखने का नया रिकॉर्ड बनाया है. बता दें कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 54.57 फीसदी मत मिले हैं, जबकि कांग्रेस के मतों का प्रतिशत घटकर 5.56 फीसदी रह गया है. एनसीपी को 10.43 फीसदी, एनपीईपी को 16.11 फीसदी, पीपीए को 7.24 फीसदी और अन्य को 5.26 फीसदी मत मिले हैं.
भाजपा को मिले 54.57 फीसदी वोट
भाजपा का वोट प्रतिशत 54.57 प्रतिशत है, जबकि शिक्षा मंत्री तबा तेदिर सहित पार्टी के 14 उम्मीदवार इस बार हार गए. मंत्री को याचुली निर्वाचन क्षेत्र में एनसीपी उम्मीदवार टोको तातुंग ने हराया. पूर्वोत्तर राज्य में कुल 20 उम्मीदवारों ने पहली बार जीत हासिल की है. उनमें से ग्यारह भाजपा से, चार एनपीपी से, दो-दो पीपीए और एनसीपी से और एक निर्दलीय है. विपक्षी कांग्रेस ने 60 सदस्यीय विधानसभा में 19 उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन वह केवल एक सीट बामंग जीत पाई, जहां राज्य के पूर्व गृह मंत्री कुमार वाई ने भाजपा के डोबा लामनियो को 635 मतों के मामूली अंतर से हराया.
कांग्रेस को मिली करारी हार
राज्य कांग्रेस अध्यक्ष नबाम तुकी ने कहा कि पार्टी चुनाव परिणामों से “निराश है, लेकिन हतोत्साहित नहीं है”. उन्होंने कहा, “हम हार के कारणों पर आत्मचिंतन करेंगे और आने वाले दिनों में संगठन पर काम करेंगे. नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने पांच सीटें जीतीं और 16.11 प्रतिशत वोट हासिल किए, जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने 10.43 प्रतिशत वोट हासिल किए और तीन सीटें जीतीं. क्षेत्रीय पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल (पीपीए) जो दो सीटें जीतने में सफल रही, उसका वोट शेयर 7.24 प्रतिशत रहा.