अश्विन-जडेजा नहीं, टीम इंडिया की जीत का चेहरा कहिए, 11 सालों से घरेलू जमीन पर जमीं धाक में दोनों का है बड़ा हाथ
अश्विन और जडेजा. दोनों का याराना फिल्म शोले के जय और वीरू से कम नहीं है. खासकर बात जब घर के टेस्ट की आती है, तब तो इस जोड़ी का कोई सानी ही नहीं दिखता. विरोधियों पर दोनों ऐसे टूट पड़ते हैं मानों कितने वक्त से विकेटों के भूखे हों. दोनों का यही अंदाज ही वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में भारत के मिजाज के चढ़े पारे की बड़ी वजह भी है. इतना ही नहीं 11 साल के घरेलू टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया की जो धाक जमीं है, उसकी वजह भी अश्विन और जडेजा ही हैं.
11 सालों में 45 टेस्ट साथ खेले, सिर्फ 3 हारी टीम इंडिया
टीम इंडिया ने घरेलू जमीन पर आखिरी टेस्ट सीरीज 2012 में गंवाई थी. लेकिन, उसके बाद से घर में टेस्ट सीरीज नहीं गंवाने को उसने जैसे अपनी आदत में शुमार कर लिया है. घर में गंवाई आखिरी टेस्ट सीरीज से अब तक 4300 से ज्यादा दिन बीत चुके हैं. इस दौरान भारत ने 52 टेस्ट खेले, जिसमें 45 टेस्ट में अश्विन और जडेजा की जोड़ी साथ खेली. इन दोनों के होते भारत का वर्चस्व ऐसा कायम रहा कि उन 45 टेस्ट में सिर्फ 3 में ही टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा.
54 टेस्ट, 553 विकेट… ये है अश्विन-जडेजा का कमाल
क्रिकेट में बल्लेबाजों को पार्टनरशिप एंजॉय करते आपने खूब देखे होंगे. लेकिन, अश्विन और जडेजा वो काम गेंदबाजी में करते हैं. दोनों छोर से जब ये शुरू होते हैं तो फिर रुकने का नाम नहीं लेते. भारत के लिए एक साथ कामयाबी की कहानी लिखते-लिखते पिछले 54 टेस्ट में 553 विकेट अपने नाम कर चुके हैं. ये किसी भी स्पिन जोड़ी के लिए दूसरे सबसे ज्यादा विकेटों का नंबर है. अश्विन-जडेजा की जोड़ी से ज्यादा 667 विकेट लेने वाली स्पिन जोड़ी सिर्फ मुरलीधरन और जयसूर्या की है.
बल्लेबाजी कहो या गेंदबाजी, अश्विन-जडेजा हैं ना
अश्विन और जडेजा कितने घातक हैं इसका पता टेस्ट क्रिकेट में इन दोनों के ओवरऑल आंकड़े से भी पता चलता है. अश्विन ने बल्ले से एक ओर जहां अब तक 6 शतक और 14 अर्धशतक के साथ 3422 रन 26.94 की औसत से बनाए हैं. वहीं रवींद्र जडेजा ने 3122 रन 36.73 की औसत से 4 शतक और 21 अर्धशतक के साथ बनाए हैं.
बात अगर गेंदबाजी की करें तो अश्विन ने अब तक 522 टेस्ट विकेट 23.7 की औसत से लिए हैं, जिसमें 37 बार 5 प्लस विकेट लेने का कारनामा दर्ज हैं. वहीं रवींद्र जडेजा ने 24 की औसत से 299 विकेट अब तक लिए हैं, जिसमें 13 बार 5 या उससे ज्यादा विकेट लेने का कमाल शामिल है.
10 खिलाड़ियों वाले क्लब में अश्विन, जडेजा बनेंगे नंबर 11
टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में अब तक केवल 10 खिलाड़ी ही ऐसे रहे हैं, जिनके नाम 3000 रन के अलावा 300 विकेट का जादुई आंकड़ा दर्ज है. उन 10 खिलाड़ियों में अश्विन भी शामिल हैं और अब 11वें खिलाड़ी के तौर पर रवींद्र जडेजा के पास उस क्लब से जुड़ने का मौका है. इस मौके को भुनाने के लिहाज से कानपुर टेस्ट रवींद्र जडेजा के लिए अहम रहने वाला है.
कानपुर में खेले जाने वाले बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे टेस्ट में अपना पहला शिकार करते ही जडेजा टेस्ट क्रिकेट में 300 विकेट पूरे कर लेंगे.जडेजा की इस कामयाबी के साथ ही टेस्ट इतिहास में पहली बार ऐसा होता दिखेगा जब 3000 रन और 300 विकेट लेने वाले दो खिलाड़ी प्लेइंग इलेवन का हिस्सा होंगे. अश्विन और जडेजा के चलते हासिल होने वाली इस उपलब्धि पर तब पूरे भारत को नाज होगा.