असम में बाढ़ की स्थिति में हो रहा सुधार, करीब 6 लाख लोग प्रभावित, हजारों गांव जलमग्न

देश के कई राज्यों में बारिश का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है. वहीं पूर्वोत्तर राज्यों में भी बारिश कहर बरपा रही है. पिछले कुछ समय से असम में बाढ़ की वजह से लाखों लोग बेघर हो गए हैं. बाढ़ का पानी लोगों के घरों में घुस गया है. हालांकि इस बीच अधिकारियों ने बताया है कि असम के कई हिस्सों में जलस्तर तेजी से घटा है जिसकी वजह से हालात में काफी सुधार हो रहा है.
पिछले कुछ समय से असम में लगातार मूसलाधार बारिश हो रहीही गुवाहाटी में स्थित क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने बराक घाटी और मध्य असम के कुछ जिलों में बारिश का पूर्वानुमान लगाया है लेकिन किसी भी तरह की कोई चेतावनी जारी नहीं की है. फिलहाल राज्य की ब्रह्मपुत्र नदी निमाटीघाट, तेजपुर और धुबरी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. है. कई इलाके पूरी तरह से पानी में डूब गए हैं. लोग अपनी जान बचाने के लिए राहत शिविरों में पनाह ले रहे हैं. लेकिन अब कुछ इलाकों में हालात पहले से बेहतर हुए हैं. व
अबतक 109 लोगों की मौत
वहीं असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने रविवार को एक रिपोर्ट जारी कर बताया कि करीमगंज जिले के करीमगंज और नीलाम बाजार राजस्व सर्किल में बारिश के चलते दो लोगों की मौत हुई है. वहीं इस साल राज्य में बारिश, भूस्खलन और बिजली गिरने की वजह से 109 लोगों की मौत हो चुकी है. बाढ़ से राज्य भर में 2,83,700 से ज्यादा घरेलू जानवर और मुर्गे प्रभावित हुए हैं.
करीब 5,97,600 से ज्यादा लोग प्रभावित
रिपोर्ट में बताया गया है कि बाढ़ की वजह से करीब 5,97,600 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं. कछार, चिरांग, दरांग, धेमाजी, धुबरी, डिब्रूगढ़, गोलपारा, गोलाघाट, जोरहाट, कामरूप, कामरूप मेट्रोपॉलिटन, करीमगंज, माजुली, मोरीगांव, नगांव, नलबाड़ी और शिवसागर जिले में सबसे ज्यादा बाढ़ का असर देखने को मिला है. वहीं सबसे ज्यादा कछार जिले में करीब 1.16 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. दूसरे नंबर पर धुबरी है जहां करीब 81,500 लाख लोग और नगांव में 76,000 से ज्यादा लोग बाढ़ में फंसे हुए हैं.
राहत शिविरों में 58,816 लोगों ने ली पनाह
एएसडीएमए के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक फिलहाल बारिश रुकने की वजह से जलमग्न क्षेत्रों से बाढ़ का पानी कम हो रहा है जिससे स्थिति में पहले की अपेक्षा काफी सुधार होने की उम्मीद है. बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए प्रशासन ने राज्य के 13 जिलों में 172 राहत शिविर और राहत वितरण केंद्र स्थापित किए हैं. इन शिविरों में करीब 58,816 विस्थापित लोग आसरा लिए हुए हैं. अधिकारी ने बताया कि राज्य के 1,342 गांव जलमग्न हैं जिसकी वजह से फसलों को भी नुकसान पहुंचा है. बताया जा रहा है कि 25,367.61 हेक्टेयर फसल क्षेत्र पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है.

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