आंध्र में कानून व्यवस्था पर दिल्ली में जगनमोहन रेड्डी का धरना, अखिलेश यादव भी साथ देने पहुंचे

केंद्रीय बजट 2024-25 में आंध्र प्रदेश को भारी भरकम 15 हजार करोड़ का पैकेज देने की हर तरफ चर्चा है लेकिन दूसरी तरफ प्रदेश की कानून-व्यवस्था को लेकर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी टीडीपी सरकार पर हमलावर है. पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी आज दिल्ली में टीडीपी की सत्ता के खिलाफ धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. इस प्रदर्शन में इस प्रदर्शन में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी शामिल हुए. जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि आज वे सत्ता में हैं, कल हम सत्ता में थे कल हम फिर सत्ता में आ सकते हैं लेकिन आज प्रदेश में जो हो रहा है, वह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है.
वहीं अखिलेश यादव ने कहा कि मैं जगन का धन्यवाद देना चाहता हूँ कि उन्होंने अपने धरने में मुझे बुलाया. अगर मैं नहीं आता तो जिस तरह की तस्वीरें वीडियो यहां दिखाई गई, मैं उसकी सच्चाई नहीं जान पाता. अखिलेश यादव ने कहा कि सत्ता में आने के बाद विरोधियों पर हमला नहीं करना चाहिए, विपक्ष को सुना जाना चाहिए, यही लोकतंत्र है. अखिलेश यादव ने कहा कि बुलडोजर का जो कल्चर डेमोक्रेसी में आया है हम इसे स्वीकार नहीं करते. डराने वाले लोग देर तक सत्ता में नहीं रहते.
50 दिनों में 30 से ज्यादा लोगों की हत्या
पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि राज्य में नई सरकार के सत्ता में आने के 50 दिनों के भीतर हालात खराब हो चुके हैं. यहां हिंसा में 30 से ज्यादा लोगों की हत्या कर दी गई है. विरोधियों पर हमले लगातार जारी हैं. संपत्तियों को नष्ट किया जा रहा है लेकिन सरकार इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर पा रही है. उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसा लगता है आंध्र प्रदेश में लोकतंत्र नहीं बचा है.
जगनमोहन रेड्डी ने पीएम को भी लिखा खत
पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने पूरे मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति से मिलने के लिए समय मांगा. इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को राज्य की हालत को लेकर चिट्ठी भी लिखी. पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में टीडीपी और उसके सहयोगियों की शिकायत की. उन्होंने लिखा कि राज्य में हिंसा की एक हजार से ज्यादा मामले हो चुके हैं. इसी के साथ उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों से हिंसा की जांच कराने का आग्रह किया.
‘हमारी पार्टी को विपक्ष की मान्यता नहीं मिल रही’
पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि मौजूदा सरकार राज्य के हालात से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि सत्ता के बल पर केवल विपक्ष को दबाया जा रहा है. हमारी पार्टी को विपक्ष के रूप में मान्यता मिलनी चाहिए, लेकिन सरकार को इससे डर लगता है. हमें मान्यता देने का मतलब है विधानसभा में बोलने का अधिकार देना लेकिन सरकार इससे बचना चाहती.

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