आगरा को हेरिटेज सिटी घोषित करने की मांग खारिज, SC ने कहा- ‘यह व्यर्थ की कवायद है’
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ताजमहल समेत कई ऐतिहासिक स्मारकों को विश्व धरोहर घोषित करने की याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने आगरा को हेरिटेज सिटी घोषित करने की मांग को खारिज कर दिया. शीर्ष अदालत ने कहा कि याचिका में ऐसा कुछ भी नहीं है जिसके आधार पर ऐसा फैसला लिया जा सके. इसमें ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे कहा जा सके कि इस तरह की घोषणा से शहर को कोई विशेष लाभ होगा.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अभय एस ओका और जज ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच ने इस याचिका पर अपना फैसला सुनाया. पीठ ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि किसी एक शहर को विश्व विरासत स्थल कैसे घोषित किया जा सकता है? कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता को यह बताना होगा कि विश्व विरासत स्थल घोषणा का प्रावधान कहां है?
कोर्ट इस तरह की अनुमति नहीं दे सकती
पीठ ने ताजमहल और उसके आसपास के क्षेत्रों की सुरक्षा और संरक्षण के संबंध में 1984 में दायर जनहित याचिका पर अर्जी को खारिज कर दिया. पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘याचिका में ऐसा कुछ नहीं दर्शाया गया है जिससे यह पता चले कि इससे शहर को कोई विशेष लाभ मिलेगा. यह अदालत इस तरह की घोषणा की अनुमति नहीं दे सकती. याचिका खारिज की जाती है.’
यह व्यर्थ की कवायद है- जस्टिस ओका
कोर्ट ने याचिकर्ताओं के वकील से पूछा कि अगर विरासत शहर का दर्जा मिल जाए तो इससे शहर को क्या फायदा होगा. इस तरह की घोषणा के लिए कानून के तहत क्या प्रावधान है. पीठ ने कहा कि क्या विश्व विरासत स्थल घोषित होने के बाद शहर और साफ हो जाएगा? वहीं, याचिकर्ताओं के वकील ने कहा कि आगरा को विरासत शहर घोषित करने की आवश्यकता है. क्योंकि इसका 1,000 साल पुराना इतिहास है.
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उन्होंने कहा कि आगरा शहर कई साल पुराना है. यहां कई ऐतिहासिक धरोहर हैं जिन्हें संरक्षित किए जाने की जरूरत है. आगरा को विरासत शहर घोषित करने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और क्षेत्र का संरक्षण होगा. वहीं, जस्टिस ओका ने कहा कि आगरा शहर को विरासत शहर घोषित करने से क्या लाभ मिलेगा? क्या आगरा स्वच्छ हो जाएगा? अगर इससे मदद नहीं मिलती है तो यह व्यर्थ की कवायद है.