आजम खान एंड फैमिली को हाईकोर्ट से मिली राहत, फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना
समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान और उनके परिवार को फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट से जुड़े मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. आजम, अब्दुल्ला आजम और तंजीम फातिमा को जमानत मिल गई है. साथ ही सात साल की सजा पर रोक भी लग गई है. तीनों के खिलाफ बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. इसके बाद मामला कोर्ट पहुंचा था.
फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट मामले मेंसत्र अदालत ने बीते साल 18 अक्टूबर को तीनों को सात साल की जेल की सजा सुनाई थी. इसके बाद मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. अबहाईकोर्ट का फैसला आने के बाद बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना ने कहा है कि वो इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. सत्य की जीत होगी.
तीन जनवरी 2019 का है मामला
यह मामला तीन जनवरी 2019 का है. रामपुर के निवासी और यहां से मौजूदा विधायक आकाश सक्सेना ने अब्दुल्ला आजम खान के दो जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के आरोप में आजम खान, उनकी पत्नी और बेटे के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया था. इसके बाद सत्र अदालत ने 18 अक्टूबर 2023 को तीनों को सात साल के कारावास की सजा सुनाई थी.
आजम एंड फैमिली पर क्या थे आरोप?
आकाश की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर के मुताबिक, आजम और उनकी पत्नी तंजीन ने बेटे अब्दुल्ला का एक बर्थ सर्टिफिकेट 28 जून साल 2012 को रामपुर की नगरपालिका परिषद से बनवाया गया था. दूसरा बर्थ सर्टिफिकेट 21 जनवरी 2015 को लखनऊ नगर निगम से जारी कराया गया. पहले बर्थ सर्टिफिकेट में जन्म स्थान रामपुर बताया गया. दूसरे में जन्म स्थान लखनऊ का क्वीन मैरी हॉस्पिटल बताया गया.
आजम परिवार ने अलग-अलग बर्थ सर्टिफिकेट का इस्तेमाल अलग-अलग जगहों पर किया. अलग अलग बर्थ सर्टिफिकेट के आधार पर दो पासपोर्ट और दो पैन कार्ड बनाकर उनके दुरूपयोग भी किया. इस मामले में रामपुर पुलिस ने जांच पूरी होने के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. इस मामले में आजम ने पत्नी और बेटे के साथ 26 फरवरी 2020 को रामपुर कोर्ट में सरेंडर किया था. जहां से कोर्ट ने तीनों को जेल भेजा.