आजाद भारत में मोदी ऐरा के 10 फैसले, जिन्होंने बदली देश की इकोनॉमी
साल 2024 के लोकसभा चुनाव में भले ही सत्ता विशुद्ध एनडीए गठबंधन की बनी हो, लेकिन लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही बने हैं. आजाद भारत में बीते 10 साल की मोदी की सत्ता में कई ऐसे अहम फैसले लिए गए, जिन्होंने देश की इकोनॉमी को पूरी तरह से बदलकर रख दिया. आज देश दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी है. आने वाले कुछ सालों में देश की जीडीपी 5 ट्रिलियन डॉलर की हो जाएगी. साल 2047 तक देश को विकसित बनाने का मौजूदा सरकार लक्ष्य यूं ही नहीं रखा है.
वर्ल्ड बैंक से लेकर आईएमएफ और देश के सेंट्रल बैंक ने देश की ग्रोथ का अनुमान 7 फीसदी और उससे ज्यादा का रखा है. वो भी ऐसे माहौल में जब दुनिया में जियो पॉलिटिकल टेंशन चरम पर है. अमेरिका में मंदी आने की संभावना है. साथ ही यूरोप के कई देशों की ग्रोथ काफी धीमी पड़ गई है. आने वाले कुछ दिनों में देश के प्रधानमंत्री लाल किले के प्राचीर से एक बार फिर से भाषण देंगे और देश की इकोनॉमी की नई तस्वीर सामने रखेंगे. आइए जरा उन फैसलों पर नजर दौड़ाते हैं तो बीते 10 बरस में लिए गए हैं, जिनकी वजह से देश की इकोनॉमी को नई रफ्तार मिली है.
आजाद भारत के मोदी ऐरा में लिए गए 10 अहम आर्थिक फैसले
जनधन योजना : देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनधन योजना की शुरुआत की थी. जिसके तहत देश के सभी लोगों के अकाउंट खुलवाए गए. मौजूदा समय में करोड़ों जनधन अकाउंट खुल चुके हैं. 05 अगस्त रिलीज किए गए डाटा के अनुसार देश में 19 जुलाई 2024 तक 52.81 करोड़ जनधन अकाउंट ओपन हो चुके हैं. जिनमें 2.30 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का बैलेंस हैं. खास बात तो ये है इनमें से 29 करोड़ से ज्यादा अकाउंट महिलाओं से जुड़े हुए हैं. 35 करोड़ से ज्यादा अकाउंट ग्रामीण इलाकों और अर्ध शहरी इलाकों में ओपन हुए हैं, जोकि काफी अहम हैं.
इंसॉल्वेसी एंड बैंक्रप्सी कोड : साल 2015 में इस विधेयक को संसद के पटल पर रखा गया था. तब से अब तक इंसॉल्वेंसी रेजोल्यूशन के केसेस में लगातार इजाफा देखने को मिला है और डिपार्टमेंट ने इन केसों को जल्द से जल्द निपटाने का प्रयास भी किया है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2027 में ऐसे केसों की 37 थी, जिनमें से 36 को क्लोज कर दिया गया था. वित्त वर्ष 2024 में सितंबर तक 7058 केस सामने आ चुके हैं. जिनमें 5057 केसों को क्लोज किया जा चुका था. इस कानून ने देश की इकोनॉमी को आगे बढ़ाने में काफी मदद की है.
डिमोनेटाइजेशन : 8 नवंबर 2016 को, प्रधानमंत्री ने कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने और शैडो इकोनॉमी पर अंकुश लगाने के लिए 500 रुपए और 1,000 रुपए के नोटों के डिमॉनेटाइज करने की घोषणा की थी. उसके बाद से यूपीआई ट्रांजेक्शन में लगातार इजाफा देखने को मिला. एनपीसीआई के आंकड़ों के अनुसार, यूपीआई पेमेंट में 45 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. ट्रांजेक्शन वैल्यू में 35 फीादी की तेजी देखने को मिली है, जो कुल मिलाकर 20.64 लाख करोड़ रुपए हो गई. यह लगातार तीसरा महीना है जब कुल लेनदेन 20 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा है. जून 2024 में, कुल UPI ट्रांलेक्शन वैल्यू 20.07 लाख करोड़ और मई में 20.44 लाख करोड़ रुपए था.
जीएसटी : जीएसटी एक ऐसा रिफॉर्म देखने को मिला है, जिसने देश की इकोनॉमी को आगे बढ़ाने में काफी अहम योगदान दिया है. ही महीने में जीएसटी से आने वाले रेवेन्यू में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. फ्रेश आंकड़ों के अनुसार जुलाई महीने का जीएसटी कलेक्शन 1.82 लाख करोड़ रुपए था. जबकि अप्रैल के महीने का कलेक्शन 2 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा देखने को मिला था.
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना : सरकार की ओर से शुरू की गई ये एक हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम है. जिसमें हर साल प्रत्येक परिवार को 5 लाख रुपए का हेल्थ कवर मिलता है.च मौजूदा समय में देश में हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम काफी जरूरी है. वित्त वर्ष 2023 में इस स्कीम का फायदा उठाले लोगों की संख्या 16.7 मिलियन थी. जबकि साल 2024 नवंबर तक के डाटा के अनुसार 9.7 मिलियन लोगों को फायदा मिला.
पीएम किसान योजना : भारत सरकार ने किसानों की मदद करने के पीएम किसान स्कीम की शुरूआत की थी. जिसके बाद हर साल किसानों को 3 समान किस्तों में 2—2 हजार रुपए डीबीटी के थ्रू ट्रांसफर किए जाते हैं. अब तक सरकार किसानों को 17 किस्तों में लाखों करोड़ रुपए बांट चुकी है. जून के महीने में सरकार 9 करोड़ से ज्यादा किसानों के लिए 20 हजार करोड़ रुपए जारी किए थे. जब से ये स्मीम शुररू हुई है, तब से सरकार किसानों के अकाउंट में 3.24 लाख करोड़ रुपए तक जारी कर चुकी है.
प्रधानमंत्री आवास योजना : पीएम आवास योजना के साथ देश में सस्ते घरों के निर्माण की शुरूआत की गई थी. ताकि देश के प्रत्येक आदमी को घर मिल सके. हाल ही में सरकार ने बजट में 2029 तक 3 करोड़ घर बनाने के लिए मंजूरी दी है.जिनमें से 2 करोड़ घर ग्रामीण इलाकों में और 1 करोड़ शहरी इलाकों में बनाए जाएंगे. सरकार ने इसके लिए अगले पांच सालों के लिए 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करेगी.
पीएलआई स्कीम : देश में घरेलू प्रोडक्शन को बढ़ाने के लिए सरकार ने पीएलआई स्कीम की शुरूआत की थी. शुरुआत में 14 सेक्टर्स के लिए इस स्कीम की शुरुआत की गई और 1.97 लाख करोड़ रुपए का ऐलान किया गया. सितंबर 2023 तक योजना ने 95,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हासिल किया. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के मुताबिक इन योजनाओं के तहत नवंबर 2023 तक 746 आवेदनों को मंजूरी दी जा चुकी है.
पीएम गति शक्ति स्कीम : देश की इकोनॉमी को बूस्ट करने के लिए सरकार ने गति शक्ति स्कीम पर भी काम कर रही है. जिसकी शुरुआत 15 अगस्त 2021 में की गई थी. जिसका उद्देश्य देश के इंफ्रा पर काम करना है. इस स्कीम के तहत 16 मंत्रालय एक साथ काम कर रहे हैं. जिससे देश के लाखों युवाओं को रोजगार भी मिल रहा है. इस पूरी योजना के लिए 100 लाख करोड़ रुपए का मास्टर प्लान तैयार किया गया है.
विकसित भारत : प्रधानमंत्री ने देश की आजादी के 100वें वर्ष के उपलक्ष्य में भारत को एक विकसित इकोनॉमी बनाने का लक्ष्य 2047 निर्धारित किया है। बीते वित्त वर्ष में देश की जीडीपी 3.7 ट्रिलियन डॉलर और पर कैपिटा इनकम 2,578 डॉलर देखने को मिली थी. जिसके साल 2027 जीडीपी 5 ट्रिलियन डॉलर पर कैपिटा इनकम 3,365.4 डॉलर होने की उम्मीद है. साल 2047 तक देश की जीडीपी के 30 ट्रिलियन डॉलर और पर कैपिटा इनकम 18,079.7 डॉलर होने की उम्मीद जताई गई है.