आज गुजरात में हुंकार भरेंगे राहुल गांधी, मिशन 2027 के लिए कांग्रेस की ये है प्लानिंग
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी, मोदी-शाह को पहली बड़ी चुनौती गुजरात मे हराने की दी, तो सभी चौंक गए. आखिर 1960 में बने गुजरात में 1985 में माधव सिंह सोलंकी के नेतृत्व में कांग्रेस ने 55 फीसद से ज्यादा वोट और 149 सीटें जीतकर रिकॉर्ड बनाया था. तब सोलंकी की खाम (KHAM) (क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी, मुस्लिम) थ्योरी हिट हुई थी.
फिर 1990 से विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की सरकार नहीं बनी. पिछले तीन लोकसभा चुनावों में 2014, 2019 में 26 में से शून्य और 2024 में महज एक सीट जीत सकी. 2024 में उसने दो सीटें नई-नवेली आप को देकर गठबन्धन भी किया. हालांकि, 1990 में 31 फीसद वोट पाई कांग्रेस का वोट फीसद 2017 तक लगातार बढ़ता रहा. 2017 में तो उसने 77 सीटें जीतकर बीजेपी को 99 पर रोक दिया.
भारत जोड़ो यात्रा में गुजरात को दिया था कम वक्त
2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान राहुल गांधी अपनी पहली भारत जोड़ो यात्रा में थे और उस वक्त उन्होंने गुजरात में काफी कम वक्त दिया. नतीजा भी बहुत खराब आया. इस बीच आम आदमी पार्टी ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई. आप को 5 सीटें, करीब 13 फीसद वोट मिले और कांग्रेस को 17 सीटें मिलीं, उसका वोट फीसदी गिरकर 27.3 पर आ गया. जिससे बीजेपी ने 1985 का कांग्रेस का 149 सीटों का रिकॉर्ड तोड़कर 156 सीटें जीत लीं, लेकिन कांग्रेस को 1985 में मिले 55 फीसद वोट के मुकाबले 52.5 फीसदी ही वोट हासिल कर सकी यानी कांग्रेस-आप के बीच वोट बंटवारे ने ही बीजेपी को 156 सीटों के रिकॉर्ड तक पहुंचने में मदद की.
गुजरात में क्या है वोटों का गणित?
ऐसे में भले ही कांग्रेस और आप ने पंजाब और दिल्ली में आमने-सामने लड़ने का फैसला किया हो, लेकिन गुजरात में राहुल इंडिया गठबंधन के जरिए बीजेपी को हराने खम ठोंक रहे हैं. आखिर कांग्रेस और आप का मत फीसदी 2022 में मिलकर 40 के करीब जो है. वैसे भी 1990 के बाद से कांग्रेस 35 से 42 फीसदी के करीब वोट पाती रही है. यही वो बीजेपी विरोध का वोट फीसदी है जिसके मद्देनजर राहुल चुनौती देने का दम दिखा पा रहे हैं.
राहुल के दावे पर क्या बोले सुरजेवाला?
कांग्रेस पार्टी के नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि भले ही आज संख्याबल बीजेपी के पास हो, लेकिन गुजरात गांधी और पटेल की धरती है, सत्य और अहिंसा का सहारा लेकर, मेहनत करके हम बीजेपी को हराएंगे. असत्य और अहिंसा का बरसों का गुब्बारा फूटेगा, धूल की परतें छटेंगी. इसलिए नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद राहुल ने जब हुंकार भरी, तब प्रदेश अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल से इस बावत कई दौर की चर्चा भी की. उन्होंने दो अहम बिंदुओं पर फोकस किया गया.
सबसे पहले सालों से राज्य की सत्ता से बाहर पार्टी के कार्यकर्ताओं में जोश फूंकना होगा. साथ ही उनको 2017 का विधानसभा चुनाव याद दिलाना होगा जब पार्टी एकजुट होकर लड़ी और बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के करीब पहुंच गई यानी ये कोई नामुमकिन काम नहीं है.
आखिर इतने सालों बाद भी कांग्रेस मुख्य विपक्षी पार्टी बनी हुई है और 35-42 फीसदी के बीच वोट बैंक पाती रही है. 2022 में भी आप-कांग्रेस का वोट बैंक मिलकर 40 फीसदी के करीब है. इसीलिए राहुल ने चुनौती देते वक्त इंडिया गठबन्धन की बात की.
हिंदू वाले बयान पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने किया था प्रदर्शन
गुजरात को लेकर जिस भाषण में राहुल ने चुनौती दी, उसी भाषण में राहुल के हिन्दू वाले बयान पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने अहमदाबाद कांग्रेस मुख्यालय पर जोरदार विरोध-प्रदर्शन किया, जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं से उनकी झड़प भी हुई. तब अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल ने राहुल गांधी को बताया कि बीजेपी के प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर उनका मुकाबला किया. कई कार्यकर्ता गिरफ्तार भी किए गए. ऐसे में राहुल गांधी ने कहा कि, मैं मुकाबला करने वाले और जेल गए अपने बब्बर शेर कार्यकर्ताओं से मिलकर उनकी हौसला अफजाई करने आऊंगा और बड़ी लड़ाई के लिए तैयार रहने को कहूंगा.
कार्यकर्ताओं में फूकेंगे जान
अब चूंकि, सात जुलाई से भगवान जगन्नाथ की यात्रा शुरू हो रही है, इसलिए शक्ति सिंह गोहिल ने उन्हें शनिवार यानी 6 जुलाई को अहमदाबाद में कार्यकर्ताओं से मिलने आने का न्योता दिया है. अब राहुल 6 जुलाई को गुजरात जाकर कांग्रेस दफ्तर में कार्यकर्ताओं से मुखातिब होकर गुजरात प्लान-2027 का आगाज करेंगे.
चार राज्यों में चुनाव इसी साल
महाराष्ट्र, हरियाणा, जम्मू कश्मीर समेत 4 राज्यों के चुनाव इसी साल हैं, लेकिन राहुल ने नाम गुजरात का लिया है, जहां 2027 में विधानसभा चुनाव होंगे. गुजरात बीजेपी का गढ़ है. आक्रामक राहुल शेर की मांद में घुसकर शेर को ढेर करना चाहते हैं, जो खतरे से खेलने जैसा है, लेकिन शायद राहुल ने खतरों का खिलाड़ी बनने का मन बना लिया है.