आपकी कार बन सकती है कैंसर का कारण, रिसर्च में दावा

बीते एक दशक में कार खरीदने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कार का यूज हेल्थ को बिगाड़ सकता है. इस मामले में एक रिसर्च हुई है. इसमें बताया गया है कि कार में कैंसर पैदा करने वाले केमिकल होते हैं. ये सांस लेने के दौरान शरीर में जाते हैं. यूएस में हुई एक स्टडी में इसका खुलासा हुआ है जो चिंताजनक है. दरअसल सबसे खतरनाक है वो केमिकल जिसका इस्तेमाल गाड़ियों की सीट बनाने में इस्तेमाल होने वाले फोम में किया जाता है. कार सीटों के कवर में फायर रिटार्डेंट केमिकल का यूज किया जाता है. ये केमिकल सांस के जरिए शरीर में जाता है और कैंसर का कारण हो सकता है. ऐसा एनवायर्नमेंटल साइंस एंड टेक्नोलॉजी के स्टडी में दावा किया गया है
भारत में फोम सप्लायर का दावा है कि देश में जो सीट कवर्स में फोम का इस्तेमाल होता है या सीट को मूल आकार देने में फोम का इस्तेमाल होता है उनमें इस केमिकल का इस्तेमाल न के बराबर होता है. कवर्स लगने के बाद उसका असर भी खत्म हो जाता है, लेकिन स्टडी के अनुसार इन फोम के कारण गाड़ी के अंदर हवा में केमिकल तत्व घुल जाते हैं जो साँस के जरिए आपके भीतर जाते हैं. मतलब जितना ज्यादा समय आप अपनी गाड़ी के अंदर बैठे बिताते हैं उतना ज्यादा आप कैंसर जैसी बीमारी के खतरे के करीब होते हैं.
क्या कहती है रिसर्च
रिसर्च में कहा गया है कि कार यूज करने वाला कोई व्यक्ति अगर रोज कार चलाता है तो वह दिन में औसतन एक घंटा कार में बिताता है. इस दौरान कार की सीट में मौजूद फॉर्म में डले केमिकल सांस के जरिए शरीर में जाते हैं. जो व्यक्ति कार में जितना अधिक समय बिताता है, कैंसर का रिस्क उतना ही बढ़ जाता है.
क्या भारत में भी है खतरा?
रमेश चन्द्र, एक्सपर्ट और बल्क सप्लायर बताते हैं कि बाहर के देशों में फायर रेटरडेंट अनिवार्य है ,लेकिन इसका इस्तेमाल हल्की फुल्की आग रोकने के लिए किया जाता है. भारत में अनिवार्य नहीं है और यहाँ ऐसे फोम की सप्लाई बेहद कम है. रमेश कहते हैं कि फायर रिटार्डेड होने और न होने से फोम में फर्क आता है. जिसमें केमिकल का इस्तेमाल नहीं हुआ है वो फोम एकदम से आग पकड़ती है, लेकिन जिसमें फायर रिटार्डेड इस्तेमाल हुआ है वह जल्दी आग नहीं पकड़ती है. आग से बचाने के लिए ही सीट कवर के फोम में केमिकल डाला जाता है, लेकिन भारत में इसका रिस्क बहुत कम है. यहाँ ऐसे फोम की सप्लाई कम है.

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