आप सांसद ने संसद में उठाया महाराजा रणजीत सिंह के सिंहासन का मुद्दा, सरकार से की वापस लाने की अपील
आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने बुधवार 24 जुलाई को संसद में महाराजा रणजीत सिंह की शाही सिंहासन का मुद्दा उठाया. इस दौरान उन्होंने इसे वापस लाने की मांग की. उन्होंने कहा कि लंदन के विक्टोरिया एंड अल्बर्ट म्यूजियम में महाराजा रणजीत सिंह जी का सोने का शाही सिंहासन रखा हुआ है. सांसद ने कहा कि भारत सरकार अंतरराष्ट्रीय संबंधों के जरिए ब्रिटेन सरकार से बात करे और उस सिंहासन को वापस भारत लाने की कोशिश करे.
सांसद ने कहा कि यह मुद्दा पंजाब के लोगों की भावनाओं के साथ जुड़ा है ऐसे में इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता. इस दौरान उन्होंने महाराजा रणजीत सिंह के शासन का भी जिक्र किया. सांसद ने राज्यसभा में अपने संबोधन के दौरान कहा कि उन्हें गर्व है कि वह पंजाब से आते हैं. उन्होंने कहा कि. यह उन का सौभाग्य है कि वह पंजाब के पृष्ठभूमि से हैं जहां शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह जी का शासन था. उन्होंने कहा कि महाराजा रणजीत सिंह के शासन में हर किसी के साथ न्याय होता था उनका शासन सही मायनों में सुशासन था.
‘महाराजा रणजीत सिंह ने इंसानियत का पैगाम दिया’
महाराजा की वीरता के बारे में उन्होंने कहा कि वह एक ऐसे योद्धा थे जिनके नाम से ही बड़े बड़े सूरमा कांपते थे. वह युद्ध के मैदान में शेर की तरह गरजते थे. सांसद ने कहा कि उन्होंने न सिर्फ शौर्य बल्कि पूरी दुनिया को इंसानियत का पैगाम भी दिया. आप नेता ने कहा कि महाराजा रणजीत सिंह के शासन में सभी जाति, धर्म के साथ एक जैसा व्यवहार किया गया किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होता था.
‘ग्रेटेस्ट लीडर ऑफ ऑल टाइम’ का खिताब मिला’
आप सांसद राघव चड्ढा ने बताया कि बीबीसी वर्ल्ड हिस्ट्री के एक सर्वे में महाराजा रणजीत सिंह को ‘ग्रेटेस्ट लीडर ऑफ ऑल टाइम’ का खिताब दिया है. उन्होंने कहा कि वह उन्हें इस सदन में नमन करते हैं साथ ही उनके सिंहासन को वापस लाने की अपील भी करते हैं. उन्होंने कहा कि महाराजा रणजीत सिंह जी का जीवन सभी के लिए प्रेरणादायक है, उनके जीवन से सभी को सीख मिलती है.
सांसद ने कहा कि महाराजा रणजीत सिंह जी का सिंहासन वापस भारत आना चाहिए ताकि देश के लोगों को उसके दर्शन का मौका मिल सके. इसके साथ ही आप सांसद ने यह भी कहा कि महाराजा शौर्य, इंसानियत और राज्य की नीति के बारे में बच्चों को किताबों में पढ़ाना चाहिए जिससे सुशासन का असली मतलब पता लग सके.