आरएसएस और बीजेपी नहीं देना चाहते दलित-पिछड़ों को उनका हक, इसलिए नहीं कराना चाहते जातिगत जनगणना: कांग्रेस का आरोप

जाति जनगणना देश की सियासत के केंद्र में है. इसको लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) चिंतन कर रहा है. वो इसके चुनावी और राजनीतिक इस्तेमाल के बेहद खिलाफ है. इसी बीच कांग्रेस ने आरएसएस पर बड़ा आरोप लगाया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किए पोस्ट में कांग्रेस ने आरएसएस को जातिगत जनगणना का विरोधी करार दिया है.
कांग्रेस ने अपने पोस्ट में कहा, आरएसएस ने जातिगत जनगणना का खुलकर विरोध कर दिया है. आरएसएस का कहना है कि जातिगत जनगणना समाज के लिए सही नहीं है. इस बयान से साफ है कि बीजेपी और आरएसएस जातिगत जनगणना नहीं कराना चाहते. वो दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को उनका हक नहीं देना चाहते.

RSS ने जातिगत जनगणना का खुलकर विरोध कर दिया है।
RSS का कहना है- जातिगत जनगणना समाज के लिए सही नहीं है।
इस बयान से साफ है कि BJP और RSS जातिगत जनगणना नहीं कराना चाहते।
वे दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को उनका हक नहीं देना चाहते।
लेकिन लिखकर रख लीजिए- जातिगत जनगणना होगी और
— Congress (@INCIndia) September 2, 2024

जातिगत जनगणना होगी और कांग्रेस ये कराएगी
इसी पोस्ट में कांग्रेस ने आगे कहा है कि लिखकर रख लीजिए जातिगत जनगणना होगी और कांग्रेस ये कराएगी. बता दें कि इस मुद्दे पर संघ का मानना है कि ये एक बेहद गंभीर और संवेदनशील मुद्दा है, जो राष्ट्रीय एकता के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है. इसे चुनाव, चुनाव प्रचार या राजनीति के लिए नहीं इस्तेमाल करना चाहिए.
इसे राजनीतिक टूल के तौर पर नहीं लिया जाना चाहिए
संघ का कहना है कि जातीय जनगणना को आधार बनाकर इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. संघ प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने साफ तौर पर कहा कि जाति जनगणना को राजनीतिक टूल के तौर पर नहीं लिया जाना चाहिए. वहीं, विपक्ष इस मुद्दे को लेकर एनडीए सरकार पर लगातार हमला बोल रहा है.

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