‘इंडेक्सेशन’ हटाने से प्रॉपर्टी के लेन-देन में कैसे होगा आम आदमी को लाभ? सरकार ने समझाया पूरा हिसाब-किताब

वित्त वर्ष 2024-25 के पूर्ण बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को लेकर काफी बदलाव हुए हैं. एक तो अब इस टैक्स की दर को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत के फ्लैट रेट पर शिफ्ट कर दिया गया है. वहीं सरकार ने प्रॉपर्टी या अन्य संपत्ति के लेनदेन पर मिलने वाले ‘इंडेक्सेशन’ के लाभ को भी वापस ले लिया. अब इससे आम आदमी को फायदा कैसे मिलेगा, इस बात को खुद सरकार ने समझाया है.
पहले ये जान लेते हैं कि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन में इंडेक्सेशन का लाभ क्या होता है? दरअसल जब आप जमीन या मकान जैसी संपत्ति को लंबी अवधि के बाद बेचते हैं, तब आपकी संपत्ति की वैल्यू में जितना इजाफा होता है, उस पर सरकार कैपिटल गेन टैक्स ले लेती है. हालांकि सरकार जब इस टैक्स को कैलकुलेट करती है, तो कैपिटल गेन यानी पूंजी में वृद्धि को इस तरह कैलकुलेट किया जाता है कि उतने साल में महंगाई के असर की भी गणना की जा सके और फिर उसके बाद सही मूल्य वृद्धि पर टैक्स लिया जा सके. इसी को इंडेक्सेशन का लाभ कहा जाता है.
इंडेक्सेशन हटने के बावजूद पहले से कम लगेगा टैक्स
सरकार ने अबकी बार बजट में प्रॉपर्टी जैसी संपत्ति की बिक्री पर एलटीसीजी टैक्स में मिलने वाले ऊपर बताए इंडेक्सेशन बेनेफिट को हटा दिया है. इसके बावजूद आम आदमी पर टैक्स का बोझ कम हुआ है, इसे खुद केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने समझाया है. सीबीडीटी आयकर विभाग के लिए नीतियां बनाने वाली टॉप बॉडी है.
रवि अग्रवाल ने कहा कि रियल एस्टेट के लेनदेन से ‘इंडेक्सेशन’ के लाभ को खत्म करने का काम टैक्सपेयर्स को रियल टाइम मार्केट प्राइस पर असल में फायदा पहुंचाएगा. उनकी टैक्स लायबिलिटी पहले से कम बनेगी. बजट में इसका ऐलान करने से पहले बोर्ड ने इसे लेकर कुछ अहम गणनाएं भी की थीं.
ये है कम टैक्स लगने का कैलकुलेशन
सीबीडीटी के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने आगे समझाते हुए कहा कि बजट 2024-25 में लंबी अवधि के लिए रखी गई रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की सेल पर मिलने वाले कैपिटल गेन से इंडेक्सेशन का लाभ जरूर हटा लिया है, लेकिन पहले इस कैटेगरी में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स 29 प्रतिशत लगता था, जो अब फ्लैट 12.5 प्रतिशत ही लगेगा. इस तरह उनकी टैक्स लायबिलिटी घटेगी.
सीबीडीटी चेयरमैन ने कहा कि व्यावहारिक तौर पर नई योजना अधिकांश मामलों में लाभकारी साबित होगी. उन्होंने कहा कि अलग-अलग सेक्टर्स के साथ आम टैक्सपेयर्स के लिए कैपिटल गेन टैक्स व्यवस्था को आसान बनाने के लिए ये कदम उठाया गया है. सरकार का मानना है कि जटिल टैक्स सिस्टम से कानूनी विवाद (लिटिगेशन) बढ़ता है. इसलिए सरकार का फोकस टैक्स कानूनों को सरल बनाने पर है.
रवि अग्रवाल ने कहा कि रियल एस्टेट सेक्टर में बीते 10 सालों में संपत्ति की कीमतें या मुनाफा काफी हद तक बढ़ा है. पिछले 10 साल में नई व्यवस्था के साथ अपने इंडेक्सेशन की तुलना करें, तब आपको इंडेक्सेशन लाभ के हटने का फायदा नजर आएगा. अब मान लीजिए आपने 2014 में एक संपत्ति खरीदी है और आप इसे 2024-25 में बेच रहे हैं. इस पर इंडेक्सेशन का लाभ केवल 1.5 गुना होगा. जबकि इन 10 सालों में संपत्ति की दर तीन गुना बढ़ी है तो नई व्यवस्था फायदेमंद है.

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