इंफोसिस के बाद अब बजाज फाइनेंस को भी मिला करोड़ों का नोटिस, ये है मामला
देश की दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस को पिछले महीने जीएसटी का नोटिस मिला था, जो 32,000 करोड़ रुपए का था. हालांकि बाद में उसे वापस ले लिया गया, लेकिन अब एक नया मामला बाजार फाइनेंस का सामने आया है. इसे भी नोटिस मिला है. हालांकि यह नोटिस जीएसटी से नहीं जुड़ा हुआ है.
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, बजाज फाइनेंस को वस्तु एवं सेवा कर खुफिया महानिदेशालय (DGGI) से 341 करोड़ रुपए का कारण बताओ नोटिस मिला है, जिसमें 3 अगस्त को जारी नोटिस में गलत तरीके से सेवा शुल्क को ब्याज शुल्क के रूप में मेंशन करके टैक्स चोरी का आरोप लगाया गया है.
इस रिपोर्ट में मिली जानकारी
रिपोर्ट में 160 पन्नों के नोटिस का हवाला देते हुए कहा गया है कि खुफिया जानकारी से पता चलता है कि बजाज फाइनेंस लिमिटेड केंद्रीय टैक्स नियमों के तहत दी गई छूट का लाभ उठाने के लिए गलत तरीके से सर्विस और प्रोसेसिंग शुल्क को ब्याज के रूप में मानकर जीएसटी की चोरी कर रहा है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय सेवा कंपनी पर कुल मिलाकर लगभग 850 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है. कथित 341 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी 150 करोड़ रुपए का ब्याज और भुगतान पूरा होने तक 16 करोड़ रुपए का डेली इंटरेस्ट के लिए 100 प्रतिशत जुर्माने की बात कही गई है. यही आंकड़ा जून 2022 से मार्च 2024 तक है.
क्या है मामला?
रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी स्टोर आइटम खरीदने के लिए लोन लेने वालों से ‘अग्रिम ब्याज’ वसूलती है, जिसे DGGI ने टैक्स योग्य ‘प्रोसेसिंग शुल्क या सर्विस शुल्क’ बताया है. हालांकि, बजाज फाइनेंस ने इसे नॉन-टैक्स योग्य ‘ब्याज शुल्क’ के रूप में वर्गीकृत किया है, जिस पर प्राधिकरण ने सवाल उठाया है.
स्टॉक पर नहीं पड़ा असर
हालांकि इससे शेयर पर कोई असर नहीं पड़ा है. कंपनी का शेयर बिना किसी गिरावट के 6,595 पर ट्रेड कर रहा है. इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि इसमें कोई खास तेजी नहीं देखी गई है. बता दें कि जब इंफोसिस को नोटिस मिला था तब उसके शेयर पर असर देखा गया था. फिर नोटिस के वापस लिए जाने के बाद से इंफोसिस के शेयर में उछाल देखने को मिला था. ये पहले 1.6 प्रतिशत ऊपर चल रहे थे, लेकिन सरकार से इस मसले पर राहत न मिलने की खबर के बाद से शेयर में गिरावट दर्ज की गई. यह बढ़त से घटकर लगभग 0.3 प्रतिशत पर आ गए.