इजराइली सेना पहुंच गई थी करीब, भनक लगते ही हमास ने 6 बंधकों को मार डाला
गाज़ा की सुरंग में जिन 6 इजराइली बंधकों के शव मिले थे उन्हें 48 से 72 घंटे पहले गोली मारकर हत्या की गई थी. इजराइल की ओर से दावा किया जा रहा है कि हमास के लड़ाकों को जब खबर हुई कि इजराइली सेना सुरंग के करीब पहुंच रही है, तभी उन्होंने इन बंधकों की हत्या कर दी.
इजराइली स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इन 6 बंधकों की ऑटोप्सी रिपोर्ट से पता चलता है कि इनकी हत्या 48 से 72 घंटे पहले हुई है यानी गुरुवार से शुक्रवार के बीच. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अबु काबिर फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट ने पाया है कि इन सभी बंधकों को काफी करीब से कई बार गोली मारी गई थी, जिससे यह पता चलता है कि इनकी हत्या की गई है.
IDF के चीफ ऑफ स्टाफ ने किया सुरंग का दौरा
रविवार की सुबह इजराइली सेना के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल हर्जी हलेवी ने उस सुरंग का दौरा किया जहां से 6 बंधकों के शव बरामद किए गए थे. उनके साथ साउथर्न कमांड के हेड भी मौजूद रहे. इजराइली मीडिया के मुताबिक सुरक्षा अधिकारियों को शक है कि हमास ने इन बंधकों को इसलिए मार दिया क्योंकि उसे डर था कि पिछले हफ्ते इजराइली सेना ने जिस बंधक को जिंदा बचाया था उसके जरिए IDF को इन बंधकों के बारे में जानकारी मिल जाएगी.
पिछले हफ्ते इजराइली सेना ने बंधक बनाए गए 52 वर्षीय फरहान अल-कादी को सुरक्षित बरामद किया था. दक्षिणी गाज़ा में हमास के बनाए गए टनल से उसे जिंदा बचाया गया, जबकि हमास के लड़ाके वहां से भागने में कामयाब रहे.
सैनिकों के पहुंचने से पहले मारी गई गोली
इजराइली सेना के प्रवक्ता रियर एडमिरल डेनियल हगारी ने कहा है कि इन बंधकों की निर्मम तरीके से हत्या की गई है. शुरुआती जांच के मुताबिक इजराइली सैनिकों के वहां पहुंचने से थोड़ी देर पहले ही हमास ने इन बंधकों को मार दिया. हगारी ने कहा कि हमास के लड़ाकों ने इन 6 लोगों को बीते साल 7 अक्टूबर को जिंदा बंधक बनाया गया था. उन्होंने कहा कि इन बंधकों के शव उस जगह से करीब एक किलोमीटर की दूरी से मिले हैं जहां से हमने कुछ दिनों पहले फरहान अल-हादी का रेस्क्यू किया था.
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7 अक्टूबर को हमास ने बनाया था बंधक
इजराइली सेना के मुताबिक हमास के लोगों ने सैनिकों के राफाह टनल में पहुंचने से कुछ देर पहले ही बंधकों को मार डाला था. शनिवार को इजराइली सेना ने इन 6 बंधकों के शव सुरंग से बरामद किए थे. जिसके बाद पूरे इजराइल में नेतन्याहू सरकार के खिलाफ भारी आक्रोश देखने को मिला. दरअसल 7 अक्टूबर के हमले के बाद हमास ने 200 से ज्यादा इजराइली और विदेशी नागरिकों को बंधक बनाया था. इसके अलावा हमास के हमले में 1200 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद नेतन्याहू सरकार ने हमास के खात्मे के लिए सैन्य ऑपरेशन की शुरुआत की. लेकिन करीब 11 महीने की जंग के बावजूद इजराइल सभी बंधकों को छुड़ाने में कामयाब नहीं हो पाया है.
नेतन्याहू से जंग ख़त्म करने की मांग
बंधकों की मौत से नाराज़ हजारों लोग रविवार को इजराइल की सड़कों पर उतर आए और उन्होंने इन बंधकों की मौत के लिए प्रधानमंत्री नेतन्याहू को जिम्मेदार ठहराया. इजराइल के लोगों का कहना है कि नेतन्याहू को गाज़ा में अब जंग खत्म कर देनी चाहिए, क्योंकि सीज़फायर डील के ज़रिए ही बंधकों को रिहा करवाया जा सकता है.
दरअसल पिछले साल नवंबर में हुए सीज़फायर में हमास ने 105 बंधकों को रिहा किया था, इसके पहले 4 अन्य बंधकों को युद्धविराम समझौते के तहत हमास ने रिहा किया था. इजराइली सेना अब तक 8 बंधकों को जिंदा रेस्क्यू कर चुकी है. वहीं 11 महीने से जारी जंग में अब तक 37 बंधकों की लाश बरामद की जा चुकी है. जैसे-जैसे जंग बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे बंधकों की जान पर खतरा बढ़ता जा रहा है. यही वजह है कि इजराइल के लोग चाहते हैं कि नेतन्याहू हमास के साथ सीज़फायर डील स्वीकार करें और बचे हुए बंधकों की रिहाई हो सके.