इजराइल ने गाजा के अस्पतालों को जानबूझकर बनाया निशाना! UN जांच आयोग ने बताया ‘युद्ध अपराध’
संयुक्त राष्ट्र की जांच आयोग ने इजराइल पर हमास के साथ चल रहे युद्ध के बीच गाजा के अस्पतालों को नष्ट करने के लिए एक ठोस नीति लागू करने का आरोप लगाया है. आयोग की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि स्वास्थ्य सुविधाओं पर इजराइली हमले और फिलिस्तीनी बंदियों के साथ व्यवहार युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध है.
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख नवी पिल्ले के नेतृत्व में एक रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र महासभा में पेश की गई थी. इसमें दावा किया गया है कि इजराइली सुरक्षा बलों ने जानबूझकर चिकित्सा कर्मियों को मार डाला, हिरासत में लिया और प्रताड़ित किया.
चिकित्सा सेवा की कमी से बच्चे प्रभावित
साथ रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि गाजा में स्वास्थ्य प्रणाली के पतन से बच्चे विशेष रूप से प्रभावित हुए हैं. रिपोर्ट में दर्ज एक मामला पांच वर्षीय हिंद रज्जब का है, जो उस तक पहुंचने की कोशिश कर रही एक एम्बुलेंस पर बमबारी के बाद मारी गई थी. अपने परिवार पर बम गिरने के बाद हिंद मदद के लिए फिलिस्तीनी रेड क्रिसेंट को बुलाने में कामयाब रही थी. आयोग का कहना है कि स्वास्थ्य सुविधाओं पर हमलों ने फिलिस्तीनी बच्चों का विनाश हुआ है.
बंधकों की बिना शर्त रिहाई की अपील
रिपोर्ट में हमास सहित फिलिस्तीनी सशस्त्र समूहों पर भी इजराइली बंधकों के खिलाफ युद्ध अपराध करने के आरोप लगाए गए हैं. इसमें बंधकों द्वारा सामना की गई शारीरिक हिंसा, दुर्व्यवहार, यौन हिंसा, जबरन अलगाव और बुनियादी आवश्यकताओं तक सीमित पहुंच के उदाहरणों का जिक्र किया गया है. वहीं आयोग शेष सभी बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई का आह्वान करता है.
इसके अलावा, रिपोर्ट हजारों फिलिस्तीनी बंदियों, जिनमें से कई बच्चे हैं, उनके इलाज के बारे में चिंता जताती है. इसमें इजराइल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री, इतामार बेन-गविर के आदेश के तहत यातना और यौन हिंसा सहित व्यवस्थित दुर्व्यवहार का आरोप लगाया गया है.
7 अक्टूबर को हमास का हमला
यह रिपोर्ट युद्ध के संचालन के संबंध में बढ़ती अंतरराष्ट्रीय जांच को जोड़ती है, जो 7 अक्टूबर, 2023 को दक्षिणी इज़राइल पर हमास के अभूतपूर्व हमले के बाद बढ़ गई थी. उस हमले में लगभग 1,200 इजराइली मौतें हुईं और 251 व्यक्तियों को बंधक बना लिया गया. हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, तब से गाजा में 42,060 से अधिक लोगों के मारे जाने की सूचना है.