इजराइल युद्ध के बीच फिलिस्तीन के राष्ट्रपति से मिले मोदी …दो राज्य समाधान का समर्थन किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे पर जानकारी देते हुए विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि प्रधानमंत्री ने न्यूयॉर्क में फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मुलाकात में भारत के फिलिस्तीन के साथ संयुक्त राष्ट्र में ऐतिहासिक सर्मथन का उल्लेख किया. साथ ही स्वास्थ्य, शिक्षा, क्षमता निर्माण और अन्य क्षेत्रों में भारत द्वारा फिलिस्तीन को प्रदान किए गए निरंतर मानवीय समर्थन का भी उल्लेख किया.
पीएम ने राष्ट्रपति महमूद अब्बास के साथ बैठक के दौरान गाजा में उभर रहे मानवीय संकट और क्षेत्र में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है. प्रधानमंत्री ने गाजा संघर्ष पर कहा कि यहां जल्द से जल्द शांति स्थापित की जानी चाहिए. पीएम ने इजराइल-फिलिस्तीन विवाद में दो राज्य समाधान का समर्थन करते हुए कहा कि इसी से स्थायी शांति आ सकती है. भारत ने जुलाई महीने में फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी को 2.5 मिलियन डॉलर की पहली किश्त जारी की थी.
फिलिस्तीन के राष्ट्रपति ने भारत को राजनीतिक मुद्दों सहित तमाम सहायता के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया और उम्मीद जताई कि भारत सहायता जारी रखेगा और इस क्षेत्र में शांति लाने में अपनी भूमिका निभाता रहेगा. दोनों की ये मुलाकात तब हुआ है ,जब इजराइल और हमास के बीच गाजा में युद्ध जारी है.

#WATCH | New York, US: Foreign Secretary Vikram Misri says, “In the Prime Minister’s meeting with the President of Palestine, the Prime Minister referred to India’s historic support for Palestine in the United Nations on the international stage as also the consistent and pic.twitter.com/tItypmbu2g
— ANI (@ANI) September 23, 2024

वियतनाम के राष्ट्रपति को भारत आने का निमंत्रण
इसके अलावा प्रधानमंत्री ने मंगलवार को वियतनाम के राष्ट्रपति टो लाम से मुलाकात की और उन्हें कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव चुने जाने पर बधाई दी. उन्होंने हाल ही में वियतनामी प्रधानमंत्री की भारत यात्रा और भारत-वियतनाम रणनीतिक संबंधों के महत्व का जिक्र भी किया. चक्रवात याजी के कारण वियतनाम में हुई तबाही पर पीएम ने संवेदना व्यक्त किया. प्रधानमंत्री ने वियतनाम के राष्ट्रपति को भारत आने का निमंत्रण भी दिया, जिसे वियतनामी राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया है.

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