इजराइल से बदला कब? क्या डर गए ईरान के नए राष्ट्रपति या ठंडे दिमाग से चल रहे अपनी चाल?

हमास लीडर इस्माइल हानिया की मौत को 16 दिन बीत चुके हैं, ईरान ने इजराइल से बदला लेने की धमकी तो दी, लेकिन पलटवार नहीं किया. दुनियाभर की निगाहें इन दोनों मुल्कों के बीच जारी तनाव पर हैं, माना जा रहा है कि इजराइल पर सीधा अटैक करने को लेकर ईरान के टॉप लीडर्स में ही सहमति नहीं बन पा रही है.
दरअसल मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पजश्कियान इजराइल पर किसी भी तरह का सीधा हमला करके मुसीबत मोल नहीं लेना चाहते. उन्हें अच्छी तरह मालूम है कि अगर सीधा हमला किया तो शायद इस बार इजराइल बड़ी जंग शुरू कर दे. वहीं ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई इस बात से बेहद नाराज़ हैं. खामेनेई ने ईरानी अधिकारियों और नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर इजराइल के खिलाफ पीछे हटे तो खुदा का क़हर बरपेगा.
सीधा अटैक नहीं चाहते ईरानी राष्ट्रपति
इस्माइल हानिया की मौत ईरानी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण में शामिल होने के बाद हुई थी. वो तेहरान में ईरान के मेहमान के तौर पर मौजूद थे. उनकी हत्या से ईरान की छवि को बहुत बड़ा धक्का लगा है, लिहाजा डैमेज कंट्रोल करने के लिए वो बदला लेने की बड़ी-बड़ी कसमें खाता दिख रहा था.
लेकिन 16 दिन गुज़रने के बावजूद ईरान का इजराइल पर सीधा अटैक न करना कई सवाल खड़े करता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक मसूद पजश्कियान इजराइल पर सीधा हमला नहीं करना चाहते हैं. उनका मानना है कि अप्रैल में इजराइल के साथ तनाव जितनी आसानी से टल गया मुमकिन है इस बार ऐसा न हो. ईरानी राष्ट्रपति को डर है कि कहीं इजराइल ने बड़ी जंग शुरू कर दी तो शायद ईरान उसका मुकाबला न कर पाए, क्योंकि इजराइल अकेला नहीं है. उसे अमेरिका समेत कई NATO देशों का सहयोग मिलता रहा है.
क्या बदला लेने का कोई प्लान-B है?
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मसूद पजश्कियान इजराइल को उसी के खेल में मात देना चाहते हैं. वह सीधा तेल अवीव पर अटैक न करके इजराइल के उन महत्वपूर्ण ठिकानों पर हमला करना चाहते हैं जो दूसरे देशों में मौजूद हैं.
इसके अलावा ईरान के हमले को लेकर बने तनाव से इजराइल पर एक मनोवैज्ञानिक दबाव बनता दिख रहा है. इजराइल गाजा में सीजफायर को लेकर बातचीत की टेबल पर लौट आया है, ऐसे में अगर गाजा में संघर्ष विराम पर सहमति बन जाती है तो यह ईरान के लिए बदला लेने से ज्यादा बेहतर डील होगी.
सुप्रीम लीडर की चेतावनी के मायने?
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई ने ईरानी अधिकारियों को बड़ी चेतवानी दी है, ईरानी मीडिया के अनुसार उन्होंने कहा है कि, “इजराइल के खिलाफ पीछे हटना या किसी तरह का समझौता करना ख़ुदा के क़हर के बुलावा देने जैसा है.” खामेनेई ने इजराइल की ताकत को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने को लेकर भी निंदा की है. उन्होंने कहा कि अगर हम अपनी ताकत का सही तरीके से इस्तेमाल करें और विरोधियों की ताकत का सही आकलन करें तो इस मनोवैज्ञानिक दबाव को टाला जा सकता है.
खामेनेई के इस बयान से अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि इजराइल पर हमले को लेकर ईरानी अधिकारियों में मतभेद पैदा हो गए हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार ईरान के नए राष्ट्रपति हमले के बाद की परिस्थितियों को लेकर चिंतित हैं तो वहीं सुप्रीम लीडर हानिया की मौत का बदला लेने से पीछे हटना नहीं चाहते.
इजराइल से बदला कब लेगा ईरान?
ईरान इजराइल से बदला कब लेगा इसे लेकर फिलहाल कोई अंदाजा नहीं लगा पा रहा है. उधर इजराइल ने साफ कर दिया है कि तेहरान के हमले का जोरदार जवाब दिया जाएगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक इजराइली अधिकारियों ने अमेरिका और यूरोपीय देशों दोनों को चेतावनी दी है कि अगर ईरान सीधा हमला करता है तो उसके खिलाफ जवाबी कार्रवाई तेज़ और निर्णायक होगी.
अमेरिका ने कई मीडिएटर्स के जरिए ईरानी राष्ट्रपति को हमले के नतीजों को लेकर आगाह किया है, शायद यही वजह है कि ईरानी राष्ट्रपति और सुप्रीम लीडर के बीच जवाबी कार्रवाई को लेकर मतभेद हैं. हालांकि ईरानी सेना लगातार तैयारी में जुटी हुई है, और यह तैयारी पहले के मुकाबले ज्यादा बड़े स्तर पर हो रही है. अगर ईरान के टॉप लीडर्स में सहमति बनती है तो जल्द ही ईरान इजराइल पर अटैक कर सकता है.

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