इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव, सस्ते होंगे कीमती सामान…यहां जानें बजट की पूरी ABCD
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में पेश किया. सरकार ने बजट में मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया कि नई कर व्यवस्था के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार किया जा रहा है. यही नहीं सोना-चांदी से बने गहने, चमड़े से बने सामान और मोबाइल फोन को भी सस्ता कर दिया गया है.
निर्मला सीतारमण ने सोने और चांदी पर बुनियादी सीमा शुल्क को घटाकर छह प्रतिशत और प्लैटिनम पर 6.4 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा. सोने, चांदी और प्लैटिनम के मूल सीमा शुल्क में कटौती रत्न एवं आभूषण उद्योग की लंबे समय से लंबित मांग रही है. वित्त मंत्री ने 25 महत्वपूर्ण खनिजों पर सीमा शुल्क में छूट का भी प्रावधान किया. उन्होंने फेरोनिकेल, ब्लिस्टर कॉपर पर बुनियादी सीमा शुल्क हटाने की भी घोषणा की जबकि निर्दिष्ट दूरसंचार उपकरणों पर शुल्क को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया. सीतारमण ने कुछ ब्रूड स्टॉक, झींगा एवं मछली के चारे पर बुनियादी सीमा शुल्क में कटौती कर पांच प्रतिशत करने का भी प्रस्ताव रखा.
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उन्होंने मोबाइल फोन एवं मोबाइल चार्जर पर बुनियादी सीमा शुल्क को घटाकर 15 प्रतिशत करने का भी प्रस्ताव रखा. दूसरी ओर उन्होंने कहा कि सरकार अमोनियम नाइट्रेट पर सीमा शुल्क बढ़ाकर 10 प्रतिशत तथा गैर-बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक पर 25 प्रतिशत करेगी. वित्त मंत्री ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को उनके उत्पाद बेचने में सक्षम बनाने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) में ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र स्थापित किए जाने की भी घोषणा की.
उन्होंने कहा कि पारंपरिक कारीगर अपने उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बेचेंगे. मंत्री ने सौर सेल और पैनलों के विनिर्माण में प्रयुक्त छूट प्राप्त पूंजीगत वस्तुओं की सूची का विस्तार करने का भी प्रस्ताव रखा.
छात्रों के लिए क्या ऐलान?
सीतारमण ने घोषणा की कि सरकार घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के ऋण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी. उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए हर साल एक लाख छात्रों को सीधे ई-वाउचर दिए जाएंगे, जिसमें ऋण राशि का तीन प्रतिशत ब्याज अनुदान भी दिया जाएगा.
सीतारमण ने कहा, सरकार की योजनाओं और नीतियों के तहत किसी भी लाभ के लिए पात्र नहीं रहे हमारे युवाओं की मदद के लिए सरकार घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के ऋण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी. इस उद्देश्य के लिए ई-वाउचर हर साल एक लाख छात्रों को सीधे दिए जाएंगे, जिसमें ऋण राशि का तीन प्रतिशत ब्याज अनुदान होगा. केंद्रीय बजट 2024-25 में शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.