इन गलतियों की वजह से बच्चा नहीं सुनेगा आपकी एक भी बात, बन जाएगा जिद्दी

शिशु जब जन्म लेता है तो सबसे पहले वह स्पर्श सीखता है और इसी से माता-पिता और बाकी लोगों को पहचानता है और इसके बाद जब वह बढ़ा होता है तो फैमिली ही उसका सबसे पहला स्कूल होती है, जहां वह किसी भी चीज पर प्रतिक्रिया देना, अपना कदम बढ़ाना, पहला शब्द बोलना जैसी चीजें सीखता है और इसलिए बच्चे पर सबसे ज्यादा असर उसके माता-पिता और परिवार के व्यवहार का पड़ता है. कई बार बच्चे इतने जिद्दी हो जाते हैं कि वह पेरेंट्स की कोई भी बात नहीं मानते हैं.
बच्चे जब पेरेंट्स की कोई भी बात न मानें और काफी जिद्दीपन दिखाएं तो कई बार लोगों को कहते सुना जाता है कि लाड़-प्यार ने बिगाड़ दिया है, लेकिन यह पूरी तरह से सही नहीं है. कुछ ऐसी गलतियां होती हैं जो बच्चे के दिमाग पर गहरा असर डालती हैं और धीरे-धीरे बच्चा जिद्दी होने के साथ ही गुस्सैल बनने लगता है.
बच्चों के सामने ही झगड़ा करने लगना
घर में या पेरेंट्स के बीच अगर किसी भी तरह का झगड़ा हो और उस दौरान बच्चे भी वहां मौजूद हो तो इसका उनके ऊपर गहरा असर पड़ता है. यह चीज अगर अक्सर होने लगे तो बच्चे का स्वभाव भी जिद्दी और गुस्सैल हो सकता है.
झूठ बोलने की गलती करना
छोटी-छोटी बातों पर ज्यादातर लोग ध्यान नहीं देते हैं, लेकिन गलती से भी बच्चों के सामने झूठ नहीं बोलना चाहिए, क्योंकि वह आपसे सीखते हैं और अच्छी के साथ ही बुरी चीजें भी उन्हें प्रेरित कर सकती हैं. इस तरह से बच्चा कई बार घर से ही सबसे पहले झूठ बोलना सीखता है.
जबरदस्ती अपनी बात मनवाने की कोशिश करना
ज्यादातर बच्चे शरारती होते हैं, लेकिन ऐसे में उन्हें हर बात पर डांटना या फिर मारना उनके स्वभाव को जिद्दी बना सकता है. इस वजह से बच्चे आपसे कोई भी बात शेयर करने से भी डरने लगते हैं और वह आपसे दूर भी हो सकते हैं.
बच्चों के सामने बैठकर लगातार फोन चलाना
आजकल माता-पिता को यह शिकायत होती है कि उनके बच्चे बस फोन में ही लगे रहते हैं, लेकिन क्या कभी सोचा है कि उनमें ये आदत कहां से लगती है. दरअसल वह घर में पेरेंट्स या फिर अन्य लोगों को ही फोन चलाते देखकर सीखते हैं, इसलिए कोशिश करनी चाहिए कि काम के अलावा बच्चों के सामने बैठकर फोन न चलाएं. कई बार माता-पिता बच्चों का मन बहलाने के लिए भी उन्हें फोन दे देते हैं. इस तरह से धीरे-धीरे बच्चे फोन के एडिक्ट हो जाते हैं. लगातार फोन का यूज करना भी आपके बच्चे की मेंटल हेल्थ पर असर डाल सकता है.

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