इन 14 दिग्गज भारतीय कंपनियों का है इजराइल से कनेक्शन, अडानी से लेकर टाटा तक का है नाम

मिडिल ईस्ट में ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव ने वैश्विक बाजारों में हलचल मचा दी है, और इसका असर भारत के शेयर बाजार पर भी देखा गया. ईरान द्वारा इजराइल पर 180 से अधिक मिसाइल दागने के बाद निवेशकों में कच्चे तेल की कीमतों और ग्लोबल सप्लाई चेन पर युद्ध के प्रभाव को लेकर चिंता बढ़ गई, जिससे भारतीय शेयर बाजार में सेंसेक्स 1,700 अंकों तक गिर गया. यही हाल निफ्टी में भी देखने को मिला. इस महायुद्ध का असर भारत की 14 बड़ी कंपनियों पर सबसे अधिक देखने को मिला है, जिसमें अडानी ग्रुप से लेकर टाटा समूह की कंपनियां शामिल है.
इन 14 कंपनियों की लगी लंका
इजराइल में उपस्थिति रखने वाली भारतीय कंपनियों में 14 से अधिक सूचीबद्ध कंपनियां शामिल हैं, जिनमें से कई के लिए यह संकट सीमित प्रभाव डाल सकता है. इनमें से कुछ प्रमुख कंपनियों के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई. अडानी पोर्ट्स, जो इजराइल के हाइफा पोर्ट का मालिक है, के शेयरों में 2.5% की गिरावट आई और यह बीएसई पर 1,429.35 रुपए पर कारोबार कर रहा था. वहीं, इजराइल की टारो फार्मास्युटिकल्स में बहुसंख्यक हिस्सेदारी रखने वाली सन फार्मास्युटिकल्स के शेयर स्थिर रहे.
इसके अलावा, प्रमुख जेनरिक दवा कंपनी डॉ. रेड्डीज और लुपिन पर भी निवेशकों की नज़र थी, क्योंकि ये कंपनियां तेल अवीव स्थित फार्मास्युटिकल दिग्गज टेवा फार्मास्युटिकल से प्रभावित हो सकती हैं. अन्य कंपनियों में खनन सेक्टर की एनएमडीसी, और आभूषण निर्माता कल्याण ज्वैलर्स व टाइटन भी इजराइल से जुड़े हुए हैं.
टाटा ग्रुप की कपनी भी शामिल
इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी सेक्टर में भी इजराइल में उपस्थिति रखने वाली कंपनियां, जैसे टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), विप्रो, टेक महिंद्रा और इंफोसिस, के शेयरों पर निवेशकों का ध्यान केंद्रित था. इसके अलावा, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और लार्सन एंड टूब्रो (L&T) भी इस सेक्टर में मौजूद हैं, जिनके शेयर बाजार पर भी संकट का प्रभाव देखा जा सकता है.
इजराइल द्वारा बाद में लेबनान में हिज़बुल्लाह पर किए गए जमीनी हमलों ने तेल के सप्लाई चेन में बाधा की चिंताओं को बढ़ा दिया है, जिससे वैश्विक वित्तीय बाजारों में अस्थिरता बढ़ी है. विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इजराइल ने ईरान के तेल बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया, तो कच्चे तेल की कीमतें और बढ़ सकती हैं. ब्रेंट क्रूड वायदा की कीमतें गुरुवार को 1% से अधिक बढ़कर 75 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गईं.
इजराइल ने दी ईरान को चेतावनी
ईरान ने बुधवार को कहा कि उसकी मिसाइल हमले की सबसे बड़ी कार्रवाई समाप्त हो चुकी है, लेकिन यदि उकसावे जारी रहे, तो वह और कदम उठा सकता है. वहीं, इजराइल और अमेरिका ने कड़ा जवाब देने की चेतावनी दी है. विश्लेषकों का कहना है कि निवेशकों को इस उभरती स्थिति पर बारीकी से नज़र रखने की ज़रूरत है. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के डॉ. वी. के. विजयकुमार ने सुझाव दिया कि इस समय फार्मा और FMCG जैसी रक्षात्मक शेयरों की ओर पोर्टफोलियो को स्थानांतरित करना भी एक उचित कदम हो सकता है. कच्चे तेल का उपयोग करने वाली पेंट और टायर कंपनियों के शेयरों पर भी इस युद्ध का प्रभाव देखा गया. एशियन पेंट्स और बर्जर पेंट्स के शेयरों में 3-4% की गिरावट आई.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *