इन 9 एक्सप्रेस—वे पर दौड़ेगा ‘विकसित भारत’ का सपना, ये रहा निर्मला सीतारमण का पूरा प्लान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को पाने का जिक्र बार-बार किया. सरकार ने 2047 तक भारत को दुनिया के डेवलप्ड नेशंस की कतार में शामिल करने का टारगेट रखा है. इसकी छाप 2024-25 के पूर्ण बजट में भी दिखती है. निर्मला सीतारमण ने इसके लिए बाकायदा ग्रोथ के 9 एक्सप्रेस-वे तैयार करने की बात भी कही है.
दरअसल इस बार के बजट में सरकार ने 9 प्राथमिकताओं को तय किया है. इसमें देश के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के साथ-साथ लगभग हर वर्ग को साधने की कोशिश की गई है. चलिए डालते हैं एक नजर निर्मला सीतारमण के इस 9 एक्सप्रेस-वे प्लान पर.
बजट की प्राथमिकताएं
सरकार ने बजट में कृषि उत्पादकता को बढ़ाने, रोजगार और स्किल डेवलपमेंट पर फोकस करने, मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय, मैन्यूफैक्चरिंग एंड सर्विसेस, शहरी विकास, ऊर्जा संरक्षण, बुनियादी ढांचे का विकास, इनोवेशन, रिसर्च एंड डेवलपमेंट और नई पीढ़ी के आर्थिक सुधारों पर जोर दिया है. बजट में इन्हीं 9 पॉइंट्स पर सरकार का फोकस भी दिखता है.
इस बार बजट में सरकार ने 9 प्राथमिकताएं तय की हैं.
ये है सरकार का पूरा प्लान
बजट के प्रावधानों को पढ़ेंगे, तब आप समझ पाएंगे कि सरकार ने विकसित भारत के लक्ष्य को पाने के लिए इन्हीं 9 ग्रोथ एक्सप्रेस-वे पर चलने का प्लान बना लिया है.
कृषि सेक्टर में सरकार का फोकस जैविक खेती, बायो इनपुट सेंटर और नेचुरल फार्मिंग पर है. ये भारत के कृषि एक्सपोर्ट को बढ़ाने के लिए ध्यान में रखकर लिया गया फैसला है.
रोजगार और स्किल डेवलपमेंट के लिए बजट में ‘प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना’, एम्प्लॉयर्स को प्रोत्साहन और वर्कफोर्स में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर फोकस किया गया है.
इसी के साथ 1000 आईआईटी को अपग्रेड करना, आदिवासियों के लिए पीएम जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान और पूर्वोत्तर के क्षेत्रों में इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की 100 ब्रांच खोलने का विचार देश के मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय के लिए किया गया प्रावधान है.
वहीं सरकार ने टैक्सेशन को सिपंलीफाई करने की शुरुआत के साथ नई पीढ़ी के आर्थिक सुधार को गति दी है, तो एंजल टैक्स को खत्म करके स्टार्टअप को ग्रोथ और इनोवेशन पर फोकस बढ़ाने की बात कही है. एग्री स्टार्टअप की मदद तो खुद सरकार करेगी.
इतना ही नहीं देश में शहरी विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए सरकार ने 11 लाख करोड़ रुपए से अधिक का कैपिटल एक्सपेंडिचर बजट रखा है. वहीं सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने पर भी सरकार का फोकस है.