इस देश में सेना की वजह से छिड़ा गृहयुद्ध, रॉकेट और टैंक से वार-पलटवार
सूडान में पिछले साल से चल रहा युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है. 15 अप्रैल 2023 को सूडान में पैरामिलिट्री रैपिड सपोर्ट फोर्स और सेना के बीच गृहयुद्ध छिड़ गया था. जिसके बाद अब दोनों सेनाएं एक दूसरे पर रॉकेट और टैंक से हमला कर रही है. सूडान की राजधानी खारतूम में देश की सेना के दो धड़ों में जंग चल रही है.
सैन्य गृहयुद्ध की वजह से पूरे शहर में विनाश की भयावह आग लगी हुई है. ये युद्ध सूडानी सेना के कमांडर जनरल अब्देल-फतह बुरहान और पैरामिलिट्री रैपिड सपोर्ट फोर्स के प्रमुख जनरल मोहम्मद हमदान डगलो के बीच वर्चस्व की लड़ाई के चलते चल रहा है. सूडानी सेना के कमांडर पैरामिलिट्री रैपिड सपोर्ट फोर्स का सेना में विलय करना चाहते हैं, लेकिन पैरामिलिट्री रैपिड सपोर्ट फोर्स इसके खिलाफ है. सेना के दोनों गुट अपनी ताकत पहले की तरह ही कायम रखना चाह रहे हैं. जिस के चलते दोनों में जंग हो रही है.
UN ने दी चेतावनी
रैपिड सपोर्ट फोर्सेज के अर्धसैनिक बलों ने हाल ही में सूडान के शहर अल-फशीर में छापेमारी की, जिसके बाद हजारों लोग शहर से भागने पर मजबूर है. सूडान में लगातार चल रहे गृहयुद्ध के चलते संयुक्त राष्ट्र (UN) ने चेतावनी दी कि देश में नरसंहार छिड़ सकता है. नरसंहार की रोकथाम पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष सलाहकार ऐलिस वैरिमु नेडेरितु ने बताया, सूडान के शहर अल फशीर में कई नागरिकों को उनकी जातीयता के आधार पर निशाना बनाया गया, जहां हाल के दिनों में लड़ाई काफी तेज हो गई है.
हजारों लोगों की गई जान
शहर में एक मेडिकल चैरिटी ने 10 दिनों में 700 से ज्यादा मौतों की सूचना दी. संयुक्त राष्ट्र ने जानकारी दी कि इस गृहयुद्ध में हजारों लोग मारे गए हैं और लाखों लोगों को अपने घरों से भागने पर मजबूर होना पड़ा है. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि पिछले साल पश्चिमी दारफुर शहर एल जेनिना में लगभग 15,000 लोगों के मारे जाने की आशंका है. इस युद्ध के चलते सूडान में भुखमरी का भी भयानक संकट बना हुआ है.