इस पौधे से कंट्रोल हो सकती है डायबिटीज, रिसर्च में हुआ खुलासा
डायबिटीज की बीमारी के मामले भारत में हर साल बढ़ रहे हैं. इस बीमारी को केवल कंट्रोल किया जा सकता है. डायबिटीज को लेकर एक नई रिसर्च हुई है. इसमें भारतीय वैज्ञानिकों ने इस बीमारी को कंट्रोल करने में एक औषधीय पौधे को असरदार बताया है. बिहार के गया में ब्रह्मयोनी पहाड़ी पर मौजूद औषधीय पौधों की क्षमताओं के बारे में बताया गया है. बिहार के मगध विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने यह रिसर्च की है. रिसर्च को इंटरनेशनल जर्नल ऑफ क्रिएटिव रिसर्च थौट्स में प्रकाशित किया गया है.
इसमें बताया गया है किब्रह्मयोनी पहाड़ी पर पाए जाने वाले तीन औषधीय पौधों में से एक गुड़मार (जिम्नेमा सिल्वेस्ट्रे) डायबिटीज को आसानी से कंट्रोल कर सकता है. गुड़मार में पाए जाने वाले जिम्नेमिक एसिड में ब्लड शुगर को घटाने की अच्छी क्षमता है. इसका इस्तेमालसीएसआईआर ने अपनी महत्वपूर्ण दवा बीजीआर-34 में किया है. गुडमार में मौजूग जिम्नेमिक एसिड की खूबी यह है कि यह आंत की बाहरी परत में रिसेप्टर की खाली जगह को भर देता है. इससे व्यक्ति में कुछ मीठा खाने की इच्छा कम हो जाती है. रिसेप्टर के खाली जगह को भरने से शुगर लेवल भी कंट्रोल में रहता है.
गुड़मार पौधे में कई गुण
मगध विश्वविद्यालय की रिसर्च में पता चला है की गुड़मार में फ्लेवोनोइड्स और सैपोनिन भी हैं जो शरीर के मेटाबॉलिज्म (उपापचय) को अच्छा करते हैं. इसमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो सैपोनिन कोलेस्ट्रॉल को कम करता है,. इंटरनेशनल जर्नल ऑफ क्रिएटिव रिसर्च थौट्स में प्रकाशिक रिसर्च में ब्रह्मयोनी पहाड़ी पर पाए जाने वाले गुड़मार पौधे (जिम्नेमा सिल्वेस्ट्रे) को डायबिटीज मरीजों को लिए एक बेहतरीन औषधी बताया गया है. सीएसआईआर ने अपनी डायबिटीज की दवा बीजीआर-34 में गुड़मार को ही मिलाया है और एमिल फार्मा के जरिए बाजार में आई यह दवा सफल भी रही है.
एम्स दिल्ली की रिसर्च में भी पुष्टि
नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की रिसर्च में भी बताया गया है की बीजीआर-34 शुगर लेवल और मोटापा कम करने में काफी असरदार है. इस दवा में गुड़मार के साथ साथ दारुहरिद्रा, विजयसार, मजीठ औषधियां भी शामिल हैं. यह डायबिटीज, लिपिड प्रोफाइल के साथ-साथ मेटाबॉलिज्म को भी अच्छा करती है.